पाकिस्तान की इकलौती हिंदू रियासत, जिसके राजा आज भी लहाराते हैं भगवा झंडा, घबराती है सरकार भी

मुस्लिम देश पाकिस्तान में आज भी एक हिंदू रियासत पूरे दमखम के साथ मौजूद है. इस रियासत के राजाओं का पाकिस्तान की राजनीति में भी पूरा दखल रहा है. इस राजपूत परिवार का राज्य में इतना रौब है कि आज भी लोग उनसे खौफ खाते हैं.
बंटवारा होने के बाद कई रियासतें भारत के हिस्से में आईं तो कुछ पाकिस्तान में रह गईं. बाद में पाकिस्तान के हिस्से में गईं ज्यादातर हिंदू रियासतें खत्म हो गई. पाकिस्तान में हिंदुओं की दुर्दशा जगजाहिर है. कभी खबर आती है कि किसी हिंदू को मार दिया जाता है तो कभी किसी का जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है. हालत कुछ ऐसी है कि पाकिस्तान में हिंदू आबादी नाममात्र की रह गई है. इन सबके बीच आज भी एक हिंदू रियासत पाकिस्तान में पूरे रौब के साथ मौजूद है. यहां के राजा और राजपरिवार का रौब इतना कि पाकिस्तान की सरकार तक घबराती है. पूरी रियासत में राजपरिवार का आज भी खौफ है.
हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के सिंध प्रांत की अमरकोट रियासत की, जो अब उमरकोट के नाम से पहचानी जाती है. पाकिस्तान की इस इकलौती हिंदू रियासत के राजा करणी सिंह सोढ़ा का पाकिस्तान में जबरदस्त जलवा है. करणी सिंह हमीर सिंह सोढा के बेटे हैं. पाकिस्तान की राजनीति में हमीर सिंह के परिवार की शुरू से ही अहम जगह है. हमीर सिंह के पिता राणा चंद्र सिंह अमरकोट के शासक थे. सियासत में दखल और जबरदस्त पकड़ के चलते चंद्र सिंह 7 बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे. वह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के करीबी थे.
राणा चंद्र सिंह ने बनाई हिंदुओं की अलग पार्टी
चंद्र सिंह ने बेनजीर भुट्टो की सरकार में कई मंत्रिपद संभाले. पाकिस्तान के ज्यादातर राजनीतिक कार्यक्रमों में सोढा राजपरिवार से कोई ना कोई जरूर शामिल होता है. अमरकोट रियासत के मौजूदा राजा करणी सिंह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं. वह सोशल मीडिया के जरिये अपनी बातें लोगों तक पहुंचाते रहते हैं. उनके दादा राणा चंद्र सिंह ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से अलग होने के बाद 1990 में पाकिस्तान हिंदू पार्टी का गठन किया था. उनकी पार्टी के झंडे का रंग भगवा था, जिसमें ओम और त्रिशूल बने थे. उनका निधन 2009 में हुआ. उनकी पार्टी का नारा हिंदूओं की मजबूती था. पार्टी प्राचीन हिंदू मूल्यों की पैरवी करती थी.

करणी सिंह अब बखूबी अमरकोट रियासत की बागडोर संभाल रहे हैं.
राजा करणी सिंह की सुरक्षा करते हैं मुस्लिम गार्ड
राजा करणी सिंह अब बखूबी अमरकोट रियासत की बागडोर संभाल रहे हैं. वह कहीं भी जाते हैं तो उनकी सुरक्षा का खास इंतजाम रहता है. उनके अपने बॉडीगार्ड भी उनके साथ चलते हैं. बता दें कि उनके सुरक्षा गार्ड्स में ज्यादातर मुसलमान हैं. उनके बॉडीगार्ड्स के पास शॉटगन से लेकर एके 47 राइफल तक रहती है. उनकी सुरक्षा में लगे मुसलमान मानते हैं कि हमीर सिंह का परिवार राजा पुरु के वंश से है. इसलिए वे आज भी उन्हें अपना शासक मानते हुए हर वक्त उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
राजस्थान के शाही परिवार से है सीधा संबंध
करणी सिंह की शादी 20 फरवरी 2015 को राजस्थान के शाही परिवार की बेटी राजकुमारी पद्मिनी से हुई थी. वह जयपुर में कानोता के ठाकुर मानसिंह की बेटी हैं. करणी सिंह की बारात पाकिस्तान की अमरकोट रियासत से भारत आई थी. राणा चंद्र सिंह की रियासत अमरकोट पाकिस्तान के गठन के समय वहां की सबसे ताकतवर और बड़ी रियासत थी. अमरकोट रियासत 22,000 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई थी. पाकिस्तान हिंदू पार्टी देश के चुनाव आयोग में तो रजिस्टर्ड नहीं है, लेकिन कागजों में अब भी इसका वजूद है.
उमरकोट के किले में पैदा हुए थे अकबर
उमरकोट का प्रसिद्ध किला आज भी सोढा राजपरिवार की मिल्कियत है. बता दें कि इसी किले में अकबर का जन्म हुआ था. दरअसल, जब शेरशाह सूरी से हारने के बाद हुमांयू भाग रहा था, तब उन्हें इस किले में शरण दी गई थी. बड़ी संख्या में थार पकार, उमरकोट और मिठी के हिंदू व मुसलमान आज भी इस परिवार को अपना शासक मानता है. जब भी यहां नए राजा का अभिषेक होता है तो बहुत बड़ा समारोह होता है.

करणी सिंह की शादी 2015 में राजस्थान के शाही परिवार की बेटी राजकुमारी पद्मिनी से हुई थी.
हवेली में सख्त पर्दे में रहती हैं महिलाएं
उमरकोट के लोग पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास जाने के बजाय राजपरिवार के पास आते हैं. उमरकोट में पुरुषों और महिलाओं के बीच सख्त बंटवारा है. महिलाएं हवेली के अंदर पर्दे में रहती हैं. महिलाओं के लिए विशेष स्थान लोगों के आने-जाने वाली कोठरी से दूर है. इसी कोठरी में पारिवारिक विवादों का निपटारा होता है. सख्त पर्दे में रहने वाली हवेली की महिलाओं का कोई सार्वजनिक जीवन नहीं होता है.