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जो भी शख्स हेट स्पीच का दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए:सुप्रीम कोर्ट

धर्म के नाम पर हम कहां पहुंच गए- हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त

देश में लगातार बढ़ रही ‘हेट स्पीच’ और ‘हेट क्राइम’ को लेकर एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हेट स्पीच पर सख्ती दिखाई. कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ बिना उनका धर्म देखे तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. इस तरह की बातें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.

नई दिल्ली.

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच (नफरती बयानों)  को लेकर सख्ती दिखाई है. सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि ‘घृणा का माहौल देश पर हावी हो गया है. धर्म की परवाह किए बिना तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए’. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच में दिए जा रहे बयान विचलित करने वाले हैं. ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि ’21वीं सदी में ये क्या हो रहा है? धर्म के नाम पर हम कहां पहुंच गए हैं? हमने ईश्वर को कितना छोटा बना दिया है. भारत का संविधान वैज्ञानिक सोच विकसित करने की बात करता है.’

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ‘भारत में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने और आतंकित करने के बढ़ते खतरे’ को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से इस बारे में जवाब भी मांगा.

गौरतलब है कि इस बारे में शाहीन अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि वह देशभर में हुई हेट स्पीच की घटनाओं की निष्पक्ष, विश्वनीय और स्वतंत्र जांच के लिए केंद्र सरकार को निर्देशित करें.

दोषी के खिलाफ उठाएं सख्त कदम- सिब्बल

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में शाहीन की ओर से पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए कुछ किया जाना चाहिए. साथ ही, जो भी शख्स हेट स्पीच का दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए. बता दें, अपनी याचिका में अब्दुल्ला ने मांग की है कि हेच स्पीच और हेट क्राइम के दोषी के ऊपर गैरकानूनी क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) सहित गंभीर धाराएं लगाई जाएं, ताकि हेट स्पीच और हेट क्राइम पर लगाम लगाई जा सके.

अल्पसंख्यक बन रहे निशाना- अब्दुल्ला

उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों द्वारा अपनी हेट स्पीच में मुस्लिम समाज को निशाना बनाया जा रहा है और आतंकित किया जा रहा है. सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों द्वारा अपनी हेट स्पीच में मुस्लिम समाज को निशाना बनाया जा रहा है और आतंकित किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत लगातार बढ़ती जा रही है. इस तरह की हेट स्पीच करने वालों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सत्ताधारी पार्टी द्वारा समर्थन भी दिया जा रह है.

जानिए मामले की 10 खास बातें

  • कोर्ट ने कहा- जो इस पर कार्रवाई नहीं करेगा उसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा
  • देश की एकता और अखंडता संविधान की प्रस्तावना में प्रमुख रूप से शामिल
  • सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक- हर शख्स की गरिमा भी सुनिश्चित होनी चाहिए
  • नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
  • अगर शिकायत नहीं भी हुई हो तो हेच स्पीच के दोषियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करें
  • जजों की बेंच ने बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की कथित हेट स्पीच पढ़ी
  • इसमें वर्मा कह रहे थे- अगर जरूरत पड़ी तो उनके सिर काट दिए जाएंगे
  • कोर्ट ने कपिल सिब्बल से पूछा- क्या अल्पसंख्यक भी इस तरह के बयान देते हैं
  • इसके बाद सवाल उठा- कि अगर वे इस तरह के बयान देते हैं तो क्या बच जाएंगे
  • कोर्ट ने सिब्बल से पूछा- आप जब कानून मंत्री थे तो इस पर कानून लाने वाले थे उसका क्या हुआ
  • कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया- उस कानून पर राज्यसभा में सहमति नहीं बन पाई थी

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