इंडिया गठबंधन में सब ठीक, तीन सप्ताह में होगा सीटों का बंटवारा : ललन

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने विपक्षी गठबंधन इंडिया में मतभेद की खबरों को निराधार बताते हुए आज कहा कि गठबंधन में सब ठीक है और इसके घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को तीन सप्ताह में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
पटना
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने विपक्षी गठबंधन इंडिया में मतभेद की खबरों को निराधार बताते हुए आज कहा कि गठबंधन में सब ठीक है और इसके घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को तीन सप्ताह में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
सिंह ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इंडिया गठबंधन में मतभेदों के बारे में मीडिया में आ रही खबरों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘’इंडिया में सब कुछ ठीक है और इसके घटकों के बीच किसी भी मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इंडिया के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को तीन सप्ताह में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने इस बात को मानने से इनकार कर दिया कि 19 दिसंबर को नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की हुई बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने का विचार रखा था। उन्होंने मीडियाकर्मियों से ही पूछा कि क्या सुश्री बनर्जी ने इस सिलसिले में बात की है।
सिंह ने संवाददाताओं के इस सवाल पर कि 29 दिसंबर को नई दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्हें जदयू के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाएगा पर अपना आपा खो दिया और व्यंग्यात्मक ढंग से पूछा कि क्या उनके साथ एजेंडे पर चर्चा हुई है। उन्होंने विवादों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुशील कुमार मोदी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि श्री मोदी श्री कुमार के करीबी दोस्त रहे हैं और उन्हें उनके बारे में समझ हो सकती है।
जदयू नेता ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लोकसभा में दो युवकों के अनधिकृत प्रवेश के मुद्दे पर बयान देना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वहीं, सदन में इस मुद्दे पर सरकार के वक्तव्य की मांग करने पर विपक्ष के लगभग 150 सदस्यों को संसद के दोनों सदनों से निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान शासन का व्यवहार तानाशाह जैसा है। देश के लोग लोकतंत्र में विश्वास करते हैं तानाशाही को स्वीकार नहीं करते।