डायरेक्टर के भाई ने चमकाई किस्मत, ‘गुंडे’ को बना दिया ‘हीरो’, BO पर मचा गदर, महीनों तक पर्दे से नहीं हटी फिल्म


कोई भी फिल्ममेकर जब फिल्म बनाता है तो वह यही उम्मीद करता है कि उसकी फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई करेगी और इसके लिए फिल्म निर्माता और निर्देशक कई बार बड़ा जोखिम भी उठाते हैं. ऐसा ही एक जोखिम सुभाष घई ने आज से 40 साल पहले आई ब्लॉकबस्टर फिल्म के लिए उठाया था, जिसमें उन्होंने नए-नवेले एक्टर को मौका दिया, लेकिन उनका वह दांव ऐसा सफल हुआ कि लोग आज भी उनकी उस फिल्म को भूल नहीं पाए हैं.
नई दिल्ली.
रीमा लागू, अमरीश पुरी जैसे बॉलीवुड में तमाम एक्टर्स रहे हैं जो इंडस्ट्री में टाइपकास्टिंग के शिकार हुए. बहुप्रतिभावान होने के बवजूद इन एक्टर्स को फिल्मों में एक ही तरह के रोल ऑफर किए गए, जिस वजह से वह कभी अन्य किरदारों में निखरकर दर्शकों के सामने नहीं आ पाए, लेकिन इसी फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसे एक्टर भी रहे हैं जो एक ही हिट फिल्म से अपनी बनी-बनाई छवि तोड़ने में सफल रहे. इस एक्टर ने पर्दे पर एक टपोरी का किरदार कुछ यूं निभाया था कि आज भी फिल्मों में टपोरी या दादा जैसे किरदारों का जिक्र होने पर सबसे पहले जेहन में उन्हीं का नाम आता है. अब तक तो शायद आपको अंदाजा हो गया होगा कि आज हम यहां किस एक्टर की बात कर रहे हैं.
आज से 40 साल पहले फिल्म ‘हीरो’ आई थी. बॉलीवुड के शोमैन सुभाष घई के निर्देशन में बनी फिल्म ‘हीरो’ ने बॉक्स-ऑफिस पर छप्पर फाड़ कमाई की थी. 3 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने टिकट खिड़की पर लागत से 6 गुना ज्यादा कमाई कर सभी के होश उड़ा दिए थे. दरअसल, सुभाष घई ने नए नवेले एक्टर्स संग फिल्म बनाने का बड़ा जोखिम उठाया था, जिस वजह से लोगों को उनके एक्सपेरिमेंट के सफल होने की उम्मीद कम ही थी.
सुभाष घई की इस फिल्म में एक्ट्रेस मीनाक्षी शेषाद्रि ने लीड रोल अदा किया था. ये एक्ट्रेस के करियर की दूसरी ही फिल्म थी. इससे पहले उन्होंने मनोज कुमार की फिल्म ‘पेंटर बाबू’ से डेब्यू किया था. मीनाक्षी शेषाद्रि की दूसरी फिल्म ‘हीरो’ ने उनके करियर को एक नई रफ्तार दी, जिसके बाद एक्ट्रेस के पास हिट फिल्मों की झड़ी लग गई.
पहली फिल्म में बने थे गुंडा
अब अगर फिल्म के ‘हीरो’ जैकी श्रॉफ की बात करें तो ये उनकी बतौर लीड एक्टर पहली फिल्म थी. 16 दिसंबर, साल 1983 को रिलीज हुई फिल्म ‘हीरो’ से पहले जैकी श्रॉफ ने 1982 में फिल्म ‘स्वामी दादा’ में छोटा सा रोल निभाया था. इस फिल्म में जैकी ने एक ‘दादा’ का किरदार निभाया था और फिल्म से ‘भिड़ू’ की उनकी छवि आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है.
डायरेक्टर के भाई ने चमकाई किस्मत
पहली ही फिल्म में ग्रे शेड अदा करने के बाद एक्टर को लगा था कि उन्हें फिल्मों में एक ही तरह के किरदार निभाने पड़ेंगे, लेकिन शायद उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. फिल्म निर्देशक सुभाष घई के भाई अशोक घई ने जैकी श्रॉफ की किस्मत चमका दी थी. दरअसल, निर्देशक सुभाष घई जब अपनी फिल्म के लिए नए चेहरे की तलाश में थे, तब उनके भाई ने उन्हें एक्टर की तस्वीर दिखाई थी.




