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“बिना ट्रायल लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता” : शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस संजीव खन्ना ने एएसजी राजू से कहा कि देखिए वह 13 महीने से जेल में हैं. आप किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रख सकते. 13 महीने बहुत लंबा समय है. ट्रायल शुरू होने से कोसों दूर है.

आबकारी नीति घोटाले (Liquor Policy) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में  शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड के कार्यकारी बिनॉय बाबू को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट से बिनॉय बाबू को जमानत मिली है. कोर्ट ने कहा कि बिना ट्रायल लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता.  बिनॉय बाबू सीबीआई के मामले में सरकारी गवाह हैं, जबकि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं.

पिछली सुनवाई में बाबू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील साल्वे ने कहा था कि बाबू के पास योग्यता के आधार पर नियमित जमानत का अच्छा मामला है. उन्होंने अदालत से उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है. साल्वे ने कहा था कि वह 10 महीने से जेल में हैं और अब मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत पर बाहर हैं.

SC ने मुख्य रूप से इस तथ्य पर विचार किया कि सीबीआई मामले और ईडी मामले में भी कुछ विरोधाभास है. सीबीआई मामले में वह गवाह हैं. बाबू को प्रवर्तन निदेशालय ने 10 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था. जस्टिस संजीव खन्ना ने एएसजी राजू से कहा कि देखिए वह 13 महीने से जेल में हैं. आप किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रख सकते. 13 महीने बहुत लंबा समय है. ट्रायल शुरू होने से कोसों दूर है.

गौरलतब है कि इस मामले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसने केंद्र और आम आदमी पार्टी को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है. इसमें दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है. मनीष सिसोदिया फरवरी से जेल में हैं वहीं संजय सिंह अक्टूबर से जेल में हैं.

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