धर्म

अकाल मृत्यु से रक्षा करता हैं यह रतन, जानिए इससे धारण करने का सही तरीका और महत्व , भोले बाबा को है अति प्रिय

अजय सिंह ने 2013 से शुरू किए गए रुद्राक्ष के पौधे लगाने के पहलू में बताया है कि यह सिलसिला अनवरत जारी है. वे हरिद्वार से रुद्राक्ष के पौधे को खरीदने के लिए जाते हैं, जिसकी मूल्य में पहले बहुत बड़ा अंतर था. पहले, यह पौधा 700 रुपए में उपलब्ध था, हालांकि अब यह 250 से 300 रुपए में उपलब्ध है. उनका लक्ष्य है पूरे जिले में रुद्राक्ष के पेड़ों को लगाकर अपने क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष पहचान प्रदान करना.

छपरा 

सनातन धर्म में रुद्राक्ष को शुभ और अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह मान्यता है कि भगवान शंकर के आंसुओं से ही इसकी उत्पत्ति हुई है, जिससे रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्तियों पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है. रुद्राक्ष के धारण से लोग संकटों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसे विज्ञान में भी असरकारक माना गया है, क्‍योंकि रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होता है, और प्रत्येक मुख का अपना विशेष महत्व होता है.

छपरा जिले के एक प्रेरणा स्रोत, अजय सिंह, ने रुद्राक्ष के महत्व को बेहतर जानकर लोगों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया है. उनका उद्देश्य है कि छपरा जिले के प्रत्येक गांव में कम से कम एक रुद्राक्ष पौधा लगाकर लोगों को इसके धार्मिक और आध्यात्मिक लाभों के साथ मिलकर सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा.

2013 से रुद्राक्ष का पौधा लगा रहे हैं अजय
अजय सिंह ने 2013 से रुद्राक्ष के पौधे लगाने का प्रयास शुरू किया है, और यह सिलसिला अब भी अनवरत जारी है. रुद्राक्ष के पौधे को हरिद्वार से खरीदा जाता है, जिसकी मूल्य में कमी होने के कारण पहले यह पौधा 700 रुपए में उपलब्ध था, हालांकि अब यह 250 से 300 रुपए में मिलता है. उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य है पूरे जिले में रुद्राक्ष के पेड़ों को लगाकर अपने क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना. अजय सिंह ने यह भी साझा किया कि इस पहल से वे पर्यावरण की सफाई और सुरक्षा में रुद्राक्ष का महत्व बता रहे हैं, और इस कारण अब तक 150 से अधिक रुद्राक्ष पौधे लगा चुके हैं. ये पौधे अब पेड़ की आकृति भी ले रहे हैं और उनमें फलन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. छपरा के कोर्ट परिसर में लगाए गए रुद्राक्ष के पेड़ अब फल देने लगे हैं.

किसी का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी नहीं करें धारण
बृजेश बाबा, जिन्हें मुन्ना पांडे के नाम से भी जाना जाता है, ने बताया कि शिव के उपासक, विशेषकर रुद्राक्ष के प्रशंसक, इसे धारण करना पसंद करते हैं. शिव भक्त हमेशा चाहते हैं कि उनके भक्त उनसे अलग न रहें, और इसी कारण रुद्राक्ष को उनके साथ जोड़ते हैं, क्‍योंकि इसमें शिवजी का ही अंश होता है. उन्होंने बताया कि रुद्राक्ष कई प्रकार का होता है और सभी का अलग-अलग महत्व होता है. बारह मुखी रुद्राक्ष धन प्राप्ति के लिए, एक मुखी रुद्राक्ष सुख-मोक्ष और उन्‍नति के लिए, त्रिमुखी रुद्राक्ष ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है. रुद्राक्ष को धारण करते समय उनकी मान बनाए रखने के लिए, विधि-विधान का पालन करना भी महत्वपूर्ण है. इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए और इसके साथ “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप भी करना चाहिए. किसी भी अन्य किसी का पहना हुआ रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए और कुंडली में अगर अकाल मृत्यु लिखी है तो भी इससे रक्षा होती है.

 

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button
Close