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‘गुलामी ने समाज की असली ताकत पर चोट की’, PM मोदी बोले- मगर अब समय बदला है, ये भारत की आजादी का अमृतकाल है

PM Modi Kanha Shanti Vanam Visit: पीएम नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में श्रीराम चंद्र मिशन के वैश्विक मुख्यालय में कहा कि जिस परंपरा, जिस संस्कृति को हम जी रहे हैं, वह हजारों वर्षों का एक सतत प्रयास है. इतिहास साक्षी है कि जब-जब, जहां-जहां गुलामी आई, वहां सबसे पहले उस समाज की असली ताकत पर चोट की गई. उसके चेतना तत्व को तहस-नहस करने का प्रयास हुआ, उसके चैतन्य को नष्ट करने के लिए उसके सभी मान बिंदुओं को खत्म करना, ये प्रवृत्ति रही.

हैदराबाद.

पीएम नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित श्रीराम चंद्र मिशन के वैश्विक मुख्यालय में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यहां आने और शांति वन में आपके काम को निकट से देखने का सौभाग्य मिला है. पहले किसी कारण से आ नहीं पाया. इसको लेकर दाजी की शिकायत रहती थी. बहुत पवित्र काम ऐसे होते हैं कि जब तक ऊपर वाले का बुलावा नहीं होता, तब तक मिल नहीं पाते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि मानवता के लिए किया जाने वाला काम बहुत ही अद्भुत है. इस कन्हा शांति वनम में जिस परंपरा, जिस संस्कृति को हम जी रहे हैं, वह हजारों वर्षों का एक सतत प्रयास है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह संस्कृति निरंतर समृद्ध होती आई है. इसमें हमारे संतो की, हमारे तपस्वियों की समृद्ध परंपरा की समृद्ध विरासत का और अथक प्रयासों का एक प्रतिबिंब है. कन्हा शांति वनम इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. आज आपके प्रयासों से 160 से ज्यादा देश से कई लोग सहज मार्ग पद्धति से योग को अपनाए हुए हैं. जो सच्चा साधक है, उसे आप पूरी निष्ठा से योग और ध्यान से परिचित कराते हैं. यह मानवता की बहुत बड़ी सेवा है. पीएम मोदी ने कहा कि हर ध्यान, हर घर ध्यान, हर दिल ध्यान, यह आपका संकल्प है. यह भारत ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति की सेवा कर रहा है.

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कन्हा शांति वनम ने जिस तरह से विज्ञान और अध्यात्म को जोड़ा है, इसीलिए मैंने लाल किले से पांच प्राणों का आवाह्न किया था. समृद्धि केवल धन दौलत से नहीं आती है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक उद्यम का भी उतना ही महत्व होता है. आज भारत आर्थिक, सामरिक और संस्कृति हर प्रकार से पुनर्जागरण के दौर में प्रवेश कर रहा है. बीते 10 वर्षों में हमने हर प्रकार से अपने सांस्कृतिक विरासत को सशक्त करने का प्रयास किया. योग हो, आयुर्वेद हो, आज पूरे विश्व में भारत के ज्ञान भंडार की व्यापक चर्चा हो रही है. भारत के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि जब-जब, जहां-जहां गुलामी आई, वहां सबसे पहले उस समाज की असली ताकत पर चोट की गई. उसके चेतना तत्व को तहस-नहस करने का प्रयास हुआ, उसके चैतन्य को नष्ट करने के लिए उसके सभी मान बिंदुओं को खत्म करना, ये प्रवृत्ति रही. भारत को गुलाम बनाने वालों ने भी हमारी असली ताकत ज्ञान, ध्यान, योग, आयुर्वेद, ऐसी कई महत्वपूर्ण परंपराएं थी, उसी पर हमला बोला था और इसका देश को बहुत नुकसान उठाना पड़ा. लेकिन अब समय बदल रहा है और भारत भी बदल रहा है. ये भारत की आजादी का अमृतकाल है.

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