दिल्ली

आखिर ऐसा क्या हुआ कि भड़क उठे हाईकोर्ट के जज, याद करने लगे इमरजेंसी वाले दिन, कहा– 48 साल पहले ऐसा हुआ था

जस्टिस बिबेक चौधरी ने अपने भाषण में कहा कि वह तो इतिहास का हिस्सा हो गए हैं. न्यायमूर्ति चौधरी ने कहा, “मुख्य न्यायाधीश शिवगंगनम हमेशा मुझसे कहते रहे हैं कि मैं ज्यादा बोलने वाला जज हूं. इसलिए जब मेरी आज आपसे आखिरी मुलाकात होगी तो मैं कहना चाहूंगा कि इमरजेंसी के दिनों में 16 जजों का एक साथ ट्रांसफर हुआ था.

 

नई दिल्लीः

कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश बिबेक चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 24 जजों के ट्रांसफर पर निशाना साधा है. पटना हाईकोर्ट में जज का कार्यभार संभालने से पहले अपने विदाई समारोह के दौरान जस्टिस बिबेक चौधरी ने कहा कि इमरजेंसी के दौर में एक साथ 16 अलग-अलग हाईकोर्ट के जजों का ट्रांसफर हुआ था. अब 48 साल के बाद कॉलेजियम ने एक साथ 24 हाईकोर्ट के जजों का ट्रांसफर कर दिया है. ट्रांसफर संबंधित नोटिफिकेशन 13 नवंबर को सरकार की तरफ से जारी किया गया था. बीते 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सरकार से सिफारिश की थी.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस बिबेक चौधरी ने अपने भाषण में कहा कि वह तो इतिहास का हिस्सा हो गए हैं. न्यायमूर्ति चौधरी ने कहा, “मुख्य न्यायाधीश शिवगंगनम हमेशा मुझसे कहते रहे हैं कि मैं ज्यादा बोलने वाला जज हूं. इसलिए जब मेरी आज आपसे आखिरी मुलाकात होगी तो मैं कहना चाहूंगा कि इमरजेंसी के दिनों में 16 जजों का एक साथ ट्रांसफर हुआ था. करीब 48 वर्षों के बाद एक साथ 24 जजों का ट्रांसफर किया गया है. हालांकि मैं उन लोगों में से हूं, जिन्होंने बदलाव की शुरुआत की और कार्यपालिका के हाथ से पावर को न्यायपालिका तक पहुंचाया. ‘

न्यायमूर्ति चौधरी ने आगे कहा, “भारत सरकार ने 28 जनवरी 1983 को औपचारिक रूप से घोषणा की कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बाहरी राज्य से होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार ने यह भी तय किया था कि हर हाईकोर्ट में एक-तिहाई जज बाहर से होने चाहिए. मैं सोचता हूं कि मेरे ट्रांसफर से उस पॉलिसी को लागू करने की शुरुआत हो गई है.’ बता दें कि साल 2018 में जस्टिस बिबेक चौधरी को कोलकाता हाईकोर्ट में नियुक्त किया गया था. इससे पहले वह जिला जज थे. इसके अलावा हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार के तौर पर भी वह काम कर चुके हैं.

 

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