‘मौत का मेडिकल सेंटर’: ‘बिना डिग्री का सर्जन’ कर रहा था ऑपरेशन, ले ली कई लोगों की जान, 4 गिरफ्तार

ग्रेटर कैलाश के एक प्रतिष्ठित मेडिकल सेंटर के डॉ. जसप्रीत MS है, लेकिन जिन मरीजों की मौत हुई है, उनके ऑपरेशन में वह शामिल नहीं हुआ था, लेकिन उसका साइन किया हुआ डॉक्यूमेंट था. यानी ऑपरेशन बाकी लोग करते थे, कागजों पर सिग्नेचर डॉ. जसप्रीत का रहता था.
नई दिल्ली.
दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश में एक प्रतिष्ठित मेडिकल सेंटर चल रहा था. लेकिन उस सेंटर में डॉक्टर बिना सर्जरी की डिग्री के मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे थे. लोग आते गॉल ब्लैडर या किसी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए, लेकिन ऑपरेशन के चक्कर में उनकी जान चली जाती थी. आखिरकार कई मौतों के बाद इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ. पुलिस ने इस मेडिकल सेंटर के प्रमुख, उसकी पत्नी, एक और MBBS डॉक्टर के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान डॉ. नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत और महेंद्र के रूप में हुई है. इनमें नीरज MBBS डॉक्टर है और डॉक्टर जसप्रीत MBBS और MS है. डॉक्टर नीरज की पत्नी पूजा असिस्टेंट के रूप में काम करती थी और महेंद्र पूर्व लैब टेक्नीशियन है. पुलिस ने हेल्थ सेंटर और आरोपियों के घर से काफी मात्रा में प्रतिबंधित मेडिसिन, एक्सपायरी सर्जिकल ब्लेड, अलग-अलग पेशेंट के प्रिसक्रिप्शन, अलग-अलग बैंक की 47 चेक बुक, 14 एटीएम कार्ड, पासबुक और 6 क्रेडिट कार्ड मशीन बरामद की हैं.
कागजों पर डॉ. जसप्रीत के थे साइन
डॉ. जसप्रीत MS है, लेकिन इस मेडिकल सेंटर में जिन मरीजों की मौत हुई है, उनके ऑपरेशन में वह शामिल नहीं हुआ था, लेकिन उसका साइन किया हुआ डॉक्यूमेंट था. यानी ऑपरेशन बाकी लोग करते थे, कागजों पर सिग्नेचर डॉ. जसप्रीत का रहता था. आगे की जांच के लिए गुरुवार को आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा.
बड़ी संख्या में सर्जरी कर चुका है नीरज
इस मेडिकल सेंटर का हेड डाक्टर नीरज वरिष्ठ सर्जन बनकर अभी तक बड़ी संख्या में सर्जरी कर चुका है. ग्रेटर कैलाश थाना पुलिस को इस सेंटर के खिलाफ शिकायतें मिली थीं. करीब एक सप्ताह पहले एक मरीज की मौत के बाद मेडिकल सेंटर में परिजनों ने हंगामा किया था. जिसके बाद पूरा मामला सामने आया. उस हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. हंगामा कर रहे लोगों ने बताया था, कि उन्होंने अपने एक मरीज को यहां भर्ती किया था. लेकिन उसकी सर्जरी की गई, जिसमें उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच शुरू हुई. जांच में पता चला कि इस मेडिकल सेंटर के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आ चुकी हैं. हर शिकायत में मरने वाले मरीज की सर्जरी की गई थी, पुलिस को मामला संदिग्ध लगा. जांच के बाद पुलिस ने मेडिकल सेंटर के संचालक डॉ. नीरज अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, डॉ. जसप्रीत और महेंद्र को पकड़ लिया.
सामान्य प्रसव के बाद भी कर दिया ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार 2022 में भी एक महिला की मौत सर्जरी के बाद हो गई थी. उसे प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि महिला का प्रसव बिना सर्जरी के हो गया था. लेकिन डॉक्टर ने प्रसव के बाद उसकी सर्जरी की जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस ने उस मामले की जांच के बाद अब इस मामले में कार्रवाई की है.
पूर्व टैक्निशियन फर्जी डिग्री से बना डॉक्टर
पुलिस जांच में जो सबसे अहम खुलासा हुआ है, वह यह कि गिरफ्तार चार में से एक आरोपी महेंद्र दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ डॉक्टर के पास टैक्निशियन का काम करता था. उसने डॉक्टर को सर्जरी करते हुए देखकर काम सीखा. जिसके बाद MBBS की फर्जी डिग्री तैयार की और मेडिकल सेंटर में काम करने लगा. मेडिकल सेंटर प्रबंधन, महेंद्र को ऑन कॉल सर्जरी करने के लिए बुलाता था. पुलिस अभी यह भी जांच कर रही है कि महेंद्र ने फर्जी डिग्री कहां से बनवाई और यह कहां कहां इस डिग्री की मदद से लोगों का इलाज कर रहा था.