बेल के लिए विधायक के नाम से जज को कराया फर्जी फोन, कोर्ट ने जुर्माने के साथ दी पूरे दिन खड़ा रहने की सजा

शख़्स ने अग्रिम जमानत के लिए जज को विधायक के नाम से फर्जी फोन करवाया था। अब हाई कोर्ट ने जुर्माना लगाया है और पूरे दिन कोर्ट में खड़े रहने की सजा सुनाई है।
अहमदाबाद
गुजरात हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस एनवी अनजारिया ( Justice NV Anjaria) की बेंच ने सुनवाई की।
गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने दो लोगों को अदालत की आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया है और दोनों पर एक एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। 24 फरवरी को मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सोनिया गोकानी ( Chief Justice Sonia Gokani) और जस्टिस एनवी अनजारिया ( Justice NV Anjaria) की बेंच ने दोनों दोषियों को शाम 5:00 बजे तक अदालत में खड़ा रहने का आदेश भी दिया।
जज को कराया था फर्जी फोन
मामला 2020 का है। ‘बार एंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों दोषियों में से एक शख्स ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। फिर उसने दूसरे शख्स को हायर किया, जिसने जस्टिस बेला त्रिवेदी (जो अब सुप्रीम कोर्ट की जज हैं) को कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल ( Congress MLA Niranjan Patel) के नाम से फर्जी फोन किया, ताकि उन पर अग्रिम जमानत के लिए दबाव बनाया जा सके।
भांडा फूटा तो पड़ गए लेने के देने
बाद में जस्टिस बेला त्रिवेदी (Justice Bela Trivedi) ने शख्स को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और बताया था कि उनके पास अग्रिम जमानत के लिए कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल के नाम से किसी दूसरे शख्स ने फोन भी किया था। कुछ वक्त बाद खुलासा हुआ कि जिस शख्स ने अग्रिम जमानत की याचिका डाली थी, उसी ने दूसरे शख्स से फर्जी फोन कराया था। जिसके बाद दोनों पर अदालत की आपराधिक अवमानना (Criminal Contempt of Court ) का मामला दर्ज हो गया था।
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और ज्यडूशरी पर लोगों की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए कोर्ट, अभियुक्तों को सिर्फ बिना शर्त माफी की बिनाह पर नहीं छोड़ सकती है। कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों विजय शाह (Vijay Shah) और अल्पेश पटेल (Alpesh Patel) को जुर्माने के साथ कोर्ट में खड़े रहने की सजा सुनाई।
कौन हैं जस्टिस बेला त्रिवेदी?
बता दें कि जस्टिस बेला त्रिवेदीगुजरात सरकार की लॉ सेक्रेटरी रही हैं। साल 2011 में उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया था। कुछ महीनों बाद ही उन्हेंराजस्थान हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया। साल 2013 में जस्टिस बेला त्रिवेदी राजस्थान हाईकोर्ट की परमानेंट जज बनीं।
साल 2016 में उन्हें वापस गुजरात हाईकोर्ट भेज दिया गया, जहां अगले 5 साल यानी 2021 तक कार्यरत रहीं। इसके बादसुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुईं।