क्राइम

हादसे में बुजुर्ग की मौत: 4 दिन मोर्चरी में रखा रहा का शव, बेटा ढूंढता रहा, पुलिस बोली-सॉरी बताना भूल गए थे

राजस्थान के जोधपुर में एक बुजुर्ग की सड़क हादसे में मौत के बाद पुलिस ने लापरवाही की सभी हदें पार करते हुए चार दिन तक उसके परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी. जबकि मृतक का बेटा पुलिस थाने में पिता की गुमशुदगी दर्ज करवा चुका था और रोज थाने के चक्कर लगा रहा था. पढ़ें क्या है पूरा मामला.

जोधपुर.

जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट से पुलिस की लापरवाही की बड़ी खबर सामने आई है. यहां एक बुजुर्ग शख्स की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. बुजुर्ग का शव चार दिन तक सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखा रहा. लेकिन पुलिस ने उसके किसी परिजन को सूचना नहीं दी. जबकि पुलिस को पता था और मृतक बुजुर्ग का बेटा अपने पिता की तलाश के लिए रोज पुलिस थाने के चक्कर काट रहा था. बाद में जब मृतक के बेटे ने अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच पड़ताल की तो इस बात का खुलासा हुआ कि उसके पिता की मौत हो चुकी है और शव अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। इस पर पुलिस ने कहा-सॉरी याद नहीं रहा. बताना भूल गए थे.

दरअसल जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड की पांचवीं पुलिया निवासी राजेश जेठना सीसीटीवी इंस्टॉलेशन का काम करता है. गत 21 अक्टूबर को जब वह घर से निकला तो उसने अपने 75 वर्षीय पिता को जूना खेड़ापति बालाजी क्षेत्र में छोड़ा था. उसके पिताजी जब रात तक घर वापस नहीं लौटे तो वह तुरंत देवनगर थाने पहुंचा. पुलिस ने घटना का 24 घंटे इंतजार करने के बाद उसके पिता की गुमशुदगी दर्ज की. लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के बाद भी उसे कोई सहयोग नहीं किया. इस बीच युवक अपने पिता को खोजता रहा.

सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि पिता का एक्सीडेंट हो गया
राजेश जेठना ने बताया कि अंतत: उसने हारकर उच्चाधिकारी से गुहार की. तब उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए. लेकिन फिर भी पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज आदि खंगालने की मशक्कत नहीं की. उसके भी लिए भी खासा परेशान किया गया. उसके बाद राजेश ने अपने स्तर सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो सामने आया कि उसके पिता का एक्सीडेंट हो गया था. लोगों ने उसके पिता को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया. वहां पिता की मौत हो गई. इस पर अस्पताल प्रशासन ने संबंधित पुलिस को उनकी मौत की सूचना दे दी. लेकिन पुलिस ने इसकी जानकारी उसके किसी परिजन को नहीं दी.

पुलिस बोली-हां तीन चार दिन पहले अस्पताल से फोन आया था
मृतक के बेटे ने थाने पहुंचकर जब पुलिस को पूरी बात बताई तो एक पुलिस वाले ने कहा कि हां तीन चार दिन पहले अस्पताल से फोन आया था. लेकिन हम बताना भूल गए. उसके बाद पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूरी करके 28 अक्टूबर को मृतक के शव को उसके बेटे को सौंप दिया. पुलिस के उच्च अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यदि कोई शिकायत मिलती है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

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