Breaking News

सूचना आयोगों में रिक्तियां नहीं भरी गईं तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 निष्प्रभावी हो जाएगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्तियों को भरने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्यों को राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों को भरने के लिए तत्काल कदम उठाने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि रिक्तियां नहीं भरी गईं तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 निष्प्रभावी हो जाएगा।

, नई दिल्ली

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को राज्य सूचना आयोगों में मंजूर पदों, रिक्तियों और वहां लंबित मामलों की कुल संख्या सहित कई पहलुओं पर सभी राज्यों से सूचना इकट्ठा करने को कहा। चीफ जस्टिस ने झारखंड, त्रिपुरा और तेलंगाना जैसे राज्यों में राज्य सूचना आयोगों का कामकाज ठप्प पड़ जाने की दलील पर गौर किया। कोर्ट ने कहा कि 2005 का सूचना का अधिकार कानून निष्प्रभावी हो जाएगा।

कोर्ट ने राज्यों और केंद्र को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए तीन हफ्तों का वक्त दिया। इसके बाद कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका उसके बाद सुनवाई के लिए मुल्तवी कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीआईसी और राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों को समय पर भरने सहित अन्य संबद्ध मुद्दों पर शीर्ष कोर्ट का 2019 के फैसले का केंद्र और राज्यों द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है।

सुकेश की पत्नी की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने 200 करोड़  की गैर-कानूनी वसूली के मामले में कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज की जमानत याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से पिछली बार जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद से परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आरोप काफी गंभीर हैं। क्षमा करें। हमने फैसला ले लिया है। हाईकोर्ट पहले ही मामले की पड़ताल कर चुका है।

Supreme Court News Updates SC asks Centre states to take steps to fill vacancies in CIC SICs
सुप्रीम कोर्ट – फोटो : अमर उजाला
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: 10 नवंबर को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट 10 नवंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें मथुरा की अदालत में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था। हाईकोर्ट के 26 मई के आदेश को चुनौती देने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह द्वारा दायर याचिका को जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया। इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने 3 अक्तूबर को हाईकोर्ट रजिस्ट्रार से उन सभी मुकदमों के बारे में अपेक्षित जानकारी पेश करने को कहा था, जिन्हें 26 मई के आदेश के अनुसार स्थानांतरित किया जाना था। सोमवार को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि उच्च न्यायालय की ओर से एक हलफनामा दायर किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम इस पर गौर करेंगे। हम देखना चाहेंगे कि उच्च न्यायालय क्या कहना चाहता है।

Supreme Court News Updates SC asks Centre states to take steps to fill vacancies in CIC SICs
सुप्रीम कोर्ट। – फोटो : ANI
दिव्यांग व्यक्तियों से जुड़े मामले में डेटा एकत्र करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से कहा कि वह समाज के अन्य वर्गों के लिए शुरू की गई योजनाओं की तुलना में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से डेटा एकत्र करे। कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया, जिसमें उस कानून को लागू करने की मांग की गई थी, जो दिव्यांग लोगों को समान सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत अन्य लोगों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक सहायता प्रदान करता है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार से छह सप्ताह के भीतर डेटा एकत्र करने और एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 25 सितंबर को दिल्ली स्थित संगठन ‘भूमिका ट्रस्ट’ द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

उपराज्यपाल के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करें: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से कहा कि वह 437 स्वतंत्र सलाहकारों को बर्खास्त करने के उपराज्यपाल के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका के साथ हाईकोर्ट का रुख करे। स्वतंत्र सलाहकारों की नियुक्ति अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा की गई थी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के हालिया कानून को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पहले ही 20 जुलाई के एक आदेश द्वारा संविधान पीठ को भेजा जा चुका है।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button