दक्षिण अफ्रीका से मिलेगी बुरी हार… इंग्लैंड के दिग्गज ने मैच से पहले जो कहा वही हुआ…5 बातों में समझें ऐसा क्यों हुआ

दक्षिण अफ्रीका ने 2019 के चैंपियन इंग्लैंड को 200 से ज्यादा रन से हरा दिया. यह इंग्लैंड की मौजूदा वर्ल्ड कप में तीसरी हार है. यह वर्ल्ड कप इतिहास में इंग्लैंड की सबसे बड़ी हार भी है. दिलचस्प बात यह है कि यह मुकाबला काफी हद तक वैसे ही गुजरा, जैसा इंग्लैंड के मोंटी पनेसर ने न्यूज18 हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में दावा किया था.
नई दिल्ली.
वर्ल्ड कप 2023 में इंग्लैंड को एक बार फिर शर्मनाक शिकस्त झेलनी पड़ी. दक्षिण अफ्रीका ने 2019 के चैंपियन इंग्लैंड को 229 रन के विशाल अंतर से हराया. यह इंग्लैंड की मौजूदा वर्ल्ड कप में तीसरी हार है. इस हार से उसकी सेमीफाइनल की उम्मीदें भी धूमिल हो गई हैं. इंग्लैंड की इस हार के कई कारण रहे. टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करना इनमें से सबसे प्रमुख कारण रहा, जिसका संकेत मैच से पहले ही मिल गया था. मैच शुरू होने से एक घंटे पहले ही मोंटी पनेसर ने कह दिया था कि इंग्लैंड को टॉस जीतकर पहले बैटिंग करनी चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो उसे बड़ी हार के लिए तैयार रहना चाहिए;
इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच शनिवार को धर्मशाला में मुकाबला हुआ. इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग का फैसला लिया. दक्षिण अफ्रीका ने पहले बैटिंग करते हुए 399 रन का पहाड़ खड़ा किया. इसके जवाब में इंग्लिश टीम 170 रन पर ढेर हो गई. यह मुकाबला काफी हद तक वैसे ही गुजरा, जैसा इंग्लैंड के मोंटी पनेसर ने न्यूज18 हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में दावा किया था.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर ऐसी पिच पर पहले बैटिंग की, जो बैटर्स का ऐशगाह थी. मोंटी पनेसर ने भी कहा कि इंग्लैंड वर्ल्ड कप का पहला मैच हारने के बाद हौसला खो बैठा है. इसीलिए वह इस तरह के अजीब फैसले ले रहा है. मोंटी ने कहा कि सब जानते हैं कि इंग्लैंड की ताकत उसकी बैटिंग है. लेकिन जॉस बटलर यह बात भूल गए हैं.
खराब बॉलिंग भी इंग्लैंड की हार की प्रमुख वजह रही. इंग्लैंड ने एक समय दक्षिण अफ्रीका के 5 विकेट 243 रन पर गिरा लिए थे. लेकिन अंग्रेज गेंदबाज इसके बाद हेनरी क्लासेन और मार्को यानसेन को रोकने में नाकाम रहे. जबकि यह वो मौका था, जब लग रहा था कि इंग्लैंड की टीम दक्षिण अफ्रीका को 330 रन के भीतर रोक सकती है. अगर ऐसा होता तो इंग्लैंड के बैटर्स पर वह दबाव नहीं आता, जो 400 का टारगेट मिलने से बना.
इंग्लैंड के फील्डर्स ने इस मैच में कई कैच छोड़े. इससे मैच में उनकी वापसी की उम्मीदों को करारा झटका लगा. यह एक तरह से वैसा ही था कि एक तो करेला वह भी नीम चढ़ा. पहले तो इंग्लैंड के गेंदबाजों ने गलत लाइन-लेंथ पर बॉलिंग की. उसके बाद फील्डर्स ने कैच छोड़कर मुश्किलें और बढ़ा दीं.
जब टारगेट 400 रन का हो, तो बेहतर शुरुआत जरूरी होती है. लेकिन इंग्लैंड के साथ इसका उलटा हुआ. इंग्लैंड ने 18 रन पर पहला विकेट गंवाया. इसके बाद उसे 23 रन पर दूसरा और 24 रन पर तीसरा विकेट गिर गया. जब 25 रन के भीतर 3 विकेट गिर जाएं तब 400 का स्कोर चेज करने से रहा. ऐसा ही हुआ.
इरफान पठान ने मैच के बाद कहा कि इंग्लैंड का अपना प्लेइंग कॉम्बिनेशन बदलना भी इस बात का सबूत था कि वे मैच से पहले ही डर गए थे. इरफान ने कहा कि अफगानिस्तान से हार के बाद इंग्लैंड ने अपने खेलने का तरीका ही बदल दिया. यह हौसला खोने वाली बात है. जबकि इतने बड़े टूर्नामेंट में आपके पास हमेशा वापसी का मौका रहता है. लेकिन इंग्लैंड एक ही हार से डर गया, जो गलत था.