बजट 2022: बजट में गरीब, मिडिल क्लास और युवाओं के लिए कुछ नहीं,:राहुल गांधी. ममता ने दिया ये रिएक्शन

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2022-23 के आम बजट को ‘पेगासस स्पिन बजट’ करार देते हुए मंगलवार को कहा कि इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है. ममता ने ट्वीट किया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है. बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है. ‘पेगासस स्पिन बजट’ है.’’
नई दिल्ली.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 (Budget 2022-23) के लिए बजट पेश किया. जहां बजट को केंद्र सरकार ने दूरदर्शी और अर्थव्यवस्था को तेज गति देने वाला बताया तो वहीं विपक्ष ने इसे आम आदमी के साथ धोखा करार दिया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि इस बजट में नौकरी पेशा, मिडिल क्लास, गरीबों और वंचितों, किसानों और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, मोदी सरकार का जीरो सम बजट- जिसमें वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई के लिए कुछ भी नहीं है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ ‘‘विश्वासघात’’ किया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्य वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था. वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग के साथ विश्वासघात है. सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसी’ को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है?
TMC बोली- बजट में सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें
वहीं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्ष 2022-23 के आम बजट को ‘पेगासस स्पिन बजट’ करार देते हुए मंगलवार को कहा कि इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है. ममता ने ट्वीट किया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है. बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है. ‘पेगासस स्पिन बजट’ है.’’
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि बजट से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों, गरीबों और मध्य वर्ग की परवाह नहीं करते. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हीरे सरकार के सबसे अच्छे मित्र हैं. किसानों, मध्य वर्ग, दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों की प्रधानमंत्री परवाह नहीं करते.
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “हम भयानक महंगाई का सामना कर रहे हैं और मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है. यह एक ऐसा बजट है जो ‘अच्छे दिनों’ की मृगतृष्णा को और भी दूर धकेलता दिख रहा है. अब भारत 100 पर है, हमें ‘अच्छे दिनों’ के आने के लिए 25 साल और इंतजार करना होगा.”
मायावती बोलीं- जनता को लुभाने वाला बजट
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित. केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों?”
उन्होंने कहा, “केन्द्र सरकार द्वारा अपनी पीठ आप थपथपा लेने से अभी तक देश की बात नहीं बन पा रही है. करों की मार लोगों का जीना दुभर किए हुए है. इसीलिए केन्द्र का भरसक प्रयास खासकर बेरोजगारी व असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने की हो तो बेहतर.”