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पत्रकार और न्यायाधीश लड़खड़ाए तो होगा लोकतंत्र को नुकसान:पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण

मुंबई

पूर्व न्यायाधीश ने कहा, दो पेशों को अनिवार्य रूप से स्वतंत्र होना चाहिए, एक न्यायाधीश और एक पत्रकार। अगर वे लड़खड़ाते हैं, तो लोकतंत्र को नुकसान होता है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण ने शुक्रवार को स्वतंत्र पत्रकारिता की वकालत की। मुंबई प्रेसक्लब की ओर से आयोजित रेडइंक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, लोकतंत्र के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारों की स्वतंत्रता को बनाए रखने की जरूरत है।

पूर्व न्यायाधीश ने कहा, दो पेशों को अनिवार्य रूप से स्वतंत्र होना चाहिए, एक न्यायाधीश और एक पत्रकार। अगर वे लड़खड़ाते हैं, तो लोकतंत्र को नुकसान होता है। उन्होंने कहा, जो पत्रकार अपनी आजादी खो देता है, वह उतना ही बुरा है जितना एक जज जिसने अपनी आजादी खो दी है।पत्रकारिता के पेशे में ईमानदारी वास्तव में सबसे अच्छी नीति है।

टीजेएस जॉर्ज को मिला रेडइंक पुरस्कार 
वरिष्ठ पत्रकार टीजेएस जॉर्ज को एक संपादक और स्तंभकार के रूप में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए रेडइंक पुरस्कार प्रदान किया गया। 1960 के दशक में, जॉर्ज पटना के एक समाचार पत्र के संपादक थे। उन्हें सत्ता-विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। 2021 के लिए प्रेस क्लब का ‘जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ पुरस्कार वरिष्ठ पत्रकार ओम गौर को दिया गया।

 

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