कितने तरह के होते हैं पितृ दोष, कितने प्रकार के होते हैं ऋण? प्रत्येक के लिए है अलग पूजा विधान

पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं. पितृ पक्ष के दौरान पितृ दोष से जुड़े कुछ उपाय करने से पितृ दोष दूर होता है और उनसे मिलने वाले कष्ट भी ख़त्म हो जाते हैं.
सनातन धर्म में पितृ पक्ष को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. पितृ पक्ष के 15 दिन पितरों के लिए मोक्षदायक होते हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाए तो व्यक्ति और उसके परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है. पितृ प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ दोष से जुड़े कुछ उपाय अवश्य करना चाहिए. इन उपायों को करने से पितरों से मिलने वाले कष्ट और पितृ दोष दूर होते हैं. ज्योतिष शास्त्र का मानना है कि पितृदोष का उपाय या उसके लिए की गई पूजा तभी सफल होती है. जब पितृ दोष सही हो, सरल शब्दों में पितृ दोष कई प्रकार के होते हैं. ऐसे में बिना ये जाने कि आपकी कुण्डली में कौनसा पितृदोष है. उसकी पूजा करना व्यर्थ है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं कितने प्रकार के होते हैं पितृ दोष.
कितने प्रकार का और क्या होता है पितृ दोष
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, पितृदोष 10 प्रकार के हो सकते हैं. इन दस तरह के पितृ दोष से मिलने वाले परिणाम जीवन में अलग-अलग नज़र आते हैं. इसके अलावा हर एक पितृदोष के लिए पूजा या उपाय भी अलग-अलग ही होने चाहिए. तभी इसका उचित फल प्राप्त होता है, और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
असल में पितृ दोष एक तरह का ऋण होता है. जिसे पूर्वजों द्वारा चुकाए जाने का विधान है. यह ऋण धन, वस्तु या कर्मों से भी जुड़ा हो सकता है. अगर यह ऋण पितृ नहीं चुका पाते, तो आने वाली पीढ़ी को पितृ दोष लगता है, तब इस ऋण को पूजा-पाठ के माध्यम से परिवार को चुकाना पड़ता है.
कितने प्रकार के होते है ऋण
यह ऋण कुछ इस प्रकार हैं : पूर्वजों का ऋण, पितृ ऋण, स्वयं का ऋण, मातृ ऋण, पत्नी ऋण, संबंधी का ऋण, पुत्री ऋण, जालिमाना ऋण आदि. इन ऋणों के आधार पर पितृ दोष लगता है, जिसे दूर करने के लिए आपको उसी दोष के निमित्त पूजा करवानी पड़ती है. इसका असर तभी होता है.