देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव के पक्ष में RSS, कहा- इससे धन और समय की बचत होगी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव के पक्ष में है तथा उसका मानना है कि इस महत्वपूर्ण विषय से जुड़ी चीजें व्यवस्थित होनी चाहिए जिससे सार्वजनिक धन और देश के बहुमूल्य समय की बचत होगी।
नेशनल डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव के पक्ष में है तथा उसका मानना है कि इस महत्वपूर्ण विषय से जुड़ी चीजें व्यवस्थित होनी चाहिए जिससे सार्वजनिक धन और देश के बहुमूल्य समय की बचत होगी। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने इस बारे में पूछने पर कहा, ‘‘ऐसे विषयों पर चीजें व्यवस्थित होनी चाहिए।” वहीं, संघ से जुड़े कई सूत्रों ने कहा कि संघ का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से निर्बाध रूप से विकास कार्य करने में मदद मिलेगी जो अक्सर चुनाव के मद्देनजर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से बाधित होती है।
धन और समय की बचत होगी
एक सूत्र ने बताया, ‘‘अगर सभी चुनाव एक साथ कराए जाते हैं तब यह देश के लिए अच्छा होगा। इससे सार्वजनिक धन और देश के बहुमूल्य समय की बचत होगी।” उन्होंने बताया कि अक्सर चुनाव होने से काफी धन खर्च होता है और इसके कारण सरकारी कर्मचारियों को चुनाव कार्य में लगाया जाता है तथा आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य बाधित होता है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि वास्तव में संविधान निर्माताओं की इच्छा थी कि देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं।
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति का गठन
सरकार ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव” की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इससे लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं ताकि इन्हें कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही संपन्न कराया जा सके। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कोविंद इस कवायद और तंत्र की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कैसे कराये जा सकते हैं। देश में 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ हुए थे।