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एक साथ चुनाव कराने के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं।:पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति

One Nation One Election: एक साथ चुनाव कराना अच्छा, लेकिन…, कमेटी के गठन पर पूर्व चुनाव आयुक्त का बड़ा बयान….

कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह भी देखा गया है कि लोकसभा चुनाव के साथ हुए राज्यों के चुनाव में लोगों ने अलग-अलग वोट किया, पहले हुए कई चुनावों में यह साबित भी हुआ है।

नई दिल्ली

 

एक देश, एक चुनाव की संभावनाओं पर विचार के लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है। जिसके बाद इसे लेकर माहौल गरमा गया है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने लोकसभा और सारी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर कहा कि यह अच्छा फैसला है और इसके कई फायदे हैं, लेकिन इसे लागू करने में कई चुनौतियां भी हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी संभावनाओं पर विचार करना अच्छा है।

क्या बोले पूर्व चुनाव आयुक्त
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) टीएस कृष्णमूर्ति का कहना है कि एकसाथ चुनाव कराने के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। फायदे गिनाते हुए पूर्व सीईसी ने कहा कि एकसाथ चुनाव कराने से चुनाव प्रचार पर होने वाला समय बचेगा। साथ ही चुनाव खर्च में भी कमी आएगी। कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह भी देखा गया है कि लोकसभा चुनाव के साथ हुए राज्यों के चुनाव में लोगों ने अलग-अलग वोट किया, पहले हुए कई चुनावों में यह साबित भी हुआ है।

चुनौतियां भी कम नहीं
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि एकसाथ चुनाव कराना जितना आकर्षक लग रहा है, उसे लागू करने में उतनी ही चुनौतियां भी हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजनीतिक सहमति बनाना काफी मुश्किल होगा। एक साथ चुनाव कराने में प्रशासनिक समस्याएं भी आ सकती हैं क्योंकि इसके लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की जरूरत होगी, साथ ही बड़ी संख्या में चुनाव कराने वाले लोगों को भी तैनात करना होगा। साथ ही संवैधानिक मुद्दा सबसे बड़ी और अहम चुनौती है। दरअसल इसके लिए कई राज्यों की विधानसभाओं को समय से पहले भंग करना होगा और इसके लिए राज्य सरकारों को मनाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। यही वजह है कि इसमें अभी लंबा समय लग सकता है।

बता दें कि सरकार ने एक देश, एक चुनाव की संभावनाओं पर विचार के लिए जो कमेटी बनाई है, उसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है। टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि इस दिशा में कदम उठाना अच्छी बात है। विधि आयोग भी एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर विचार कर चुका है और संसद की स्थायी समिति भी संभव होने पर एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दे चुकी है। टीएस कृष्णमूर्ति ने सुझाव दिया कि सीमावर्ती राज्यों में तीन-चार चरणों में चुनाव कराने की बजाय एक दिन में चुनाव कराए जाने चाहिए।

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