दिल्ली

आज रक्षाबंधन पर कैसे बांधें राखी? जानें सही विधि, ना करें स्टील की थाली का उपयोग, भाई के लिए हो सकता अशुभ

रक्षाबंधन का त्योहार आज और कल दो दिन है. आज राखी बांधने के लिए रात में मुहूर्त है, जबकि कल पूरे दिन शुभ मुहूर्त है. राखी बांधने की भी एक विधि है, उसको नियम के तहत बांधना शुभ फलदायी होता है. राखी बांधने के लिए स्टील, प्लास्टिक या एल्युमीनियम की ​थाली का उपयोग नहीं करते हैं. आइए जानते हैं राखी बांधने की सही विधि क्या है?

रक्षाबंधन का त्योहार आज है, लेकिन 31 अगस्त को भी राखी मनाई जाएगी. आज 10:58 बजे से भद्रा का साया है, जो रात 09:01 बजे तक है. भद्रा के कारण राखी रात में बांधी जाएगी. 31 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधने का मुहूर्त है. राखी बांधने के भी कुछ ​नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति के जीवन पर शुभ प्रभाव होता है. इस दिन गलती की गुंजाइश नहीं रहती है. ​गलती करना आपके भाई के लिए अशुभ साबित हो सकता है. दिल्ली के ज्योतिषाचार्य विजय दीक्षित से जानते हैं कि रक्षाबंधन पर भाई को राखी कैसे बांधनी चाहिए? राखी बांधते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

 

रक्षाबंधन पर कैसे बांधें राखी?
1. सबसे पहले रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में राखी की थाल सजा लें.

2. थाली आप पीतल, तांबे या चांदी की ले सकते हैं. स्टील का संबंध शनि और एल्युमीनियम का संंबंध राहु से होता है. शुभ कार्यों में स्टील या एल्युमीनियम के बर्तन का उपयोग नहीं करते हैं. राहु और शनि का अशुभ प्रभाव व्यक्ति पर पड़ सकता है. यदि आपके पास पीतल, तांबे या चांदी की थाली नहीं है तो आप बरगद के पत्ते को अच्छे से साफ कर लें और उस पर रक्षाबंधन समाग्री को रखकर भाई को राखी बांध दें.

3. पीतल की थाली या प्लेट में चंदन या कुमकुम, अक्षत्, दही, गाय के घी वाला दीपक, रक्षासूत्र या राखी और मिठाई रख लें.

4. अब भाई को पूरब दिशा की ओर मुख कर के बैठा दें और उनके सिर पर रुमाल रख दें. सिर खाली रहने से नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति के प्रभावित होने की आशंका रहती है.

5. अब आप पश्चिम की ओर मुख करके खड़ी हो जाएं. सबसे पहले भाई को चंदन या कुमकुम से तिलक लगाएं.​ फिर अक्षत् और दही तिलक पर लगाएं. इस दौरान तिलक मंत्र केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम। पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु।। कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्। ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।। पढ़ें.

6. इसके बाद भाई के दाएं हाथ की कलाई पर राखी बांधें. उस दौरान राखी मंत्र येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे माचल माचलः।। पढ़ें.

7. फिर घी का दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें और मिठाई खिलाकर मुंह ​मीठा कराएं. इसके बाद भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन दें. दक्षिणा और उपहार दें. भाई बड़े हैं तो आशीर्वाद दें और छोटे हैं तो बहन के पैर छूकर आर्शीवाद लें.

रक्षाबंधन पर न करें ये गलतियां
1. भाई को काले रंग की राखी नहीं बांधनी चाहिए.

2. राखी के समय भाई का मुख दक्षिण की​ दिशा में न हो, इसका ध्यान रखें. यह यमराज की दिशा है.

3. राखी के दौरान भाई का सिर खुला नहीं रहना चाहिए.

4. राखी हमेशा दाहिने हाथ की कलाई में ही बांधें. कलाई में 3 रेखाएं होती हैं, जिसे मणिबंध कहते हैं. इसका संबंध त्रिदेव और त्रिदेवी यानि लक्ष्मी, सरस्वती और मां पार्वती से है.

 

 

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