जवाहरलाल नेहरू सिर्फ बड़ी बातें ही नहीं करते थे वो बड़े फैसले भी लेते थे : कांग्रेस
जयराम रमेश ने कहा कि नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे. जो लोग इसरो की स्थापना में उनके योगदान को पचा नहीं पा रहे हैं उन्हें टीआईएफआर (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) के स्थापना दिवस पर उनका भाषण सुनना चाहिए.
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने ISRO की स्थापना के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान की सराहना की है. कांग्रेस की तरफ से यह बयान उस वक्त आया है जब बीते कुछ दिनों से बीजेपी और कांग्रेस के बीच भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नेहरू और अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के योगदान को लेकर जुबानी जंग चल रही है. विपक्षी दल जहां एक तरफ अपने नेताओं के प्रयासों को उजागर करने में जुटे हैं वहीं, सत्तारूढ़ दल का दावा है कि 2014 के बाद इस क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है.
जयराम रमेश ने किया ट्वीट
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इस मुद्दे को लेकर एक ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा कि नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे. जो लोग इसरो की स्थापना में उनके योगदान को पचा नहीं पा रहे हैं उन्हें टीआईएफआर (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) के स्थापना दिवस पर उनका भाषण सुनना चाहिए. जयराम रमेश ने जवाहरलाल नेहरू के उस भाषण का वीडियो भी ट्वीट किया है. उन्होंने आगे कहा कि नेहरू सिर्फ बड़ी बड़ी बातें ही नहीं करते थे बल्कि वो बड़े फैसले भी लेते थे.
बता दें कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलता के बाद कांग्रेस ने कहा था कि यह प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है और इसरो की उपलब्धि निरंतरता की गाथा को दर्शाती है जो वास्तव में शानदार है.
कांग्रेस ने ISRO की स्थापना पर कही ये बात
कांग्रेस ने कहा है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1962 में INCOSPAR के गठन के साथ शुरू हुई, जो होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता के साथ-साथ देश के पहले प्रधान मंत्री नेहरू के समर्थन का भी परिणाम था. इसके बाद
में, अगस्त 1969 में, साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की थी.