राहुल को ‘पठान’ जैसा नैरेटिव सैट करना होगा, विपक्षी दलों के बीच चेहरे-मुद्दे पर सहमति बड़ी चुनौती

नई दिल्ली
यात्रा को लेकर राहुल गांधी ने श्रीनगर में कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे हमने उठाए और जो अलग-अलग सेक्शन पर दबाव पड़ रहा है, चाहे वो किसान हों, मजदूर हों, बेरोजगार युवा हों
श्रीनगर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का औपचारिक समापन हो गया है। राहुल गांधी ने दादी, पिता, पुलवामा, हैंड ग्रेनेड और लाल शर्ट जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर अपने संबोधन को भावुकता की तरफ ले गए। उन्होंने साफ कर दिया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का मकसद किसी व्यक्ति या पार्टी को फायदा पहुंचाना नहीं है। राहुल के सटीक संबोधन में ऐसा नहीं लगा कि वहां विपक्ष के कई सहयोगी, जिन्हें बुलावा भेजा गया था, मौजूद नहीं हैं। कांग्रेस की कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता सहित पार्टी के कई घटनाक्रमों को अपनी पुस्तक में जगह दे चुके रशीद किदवई कहते हैं, भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी सियासत में उनके लिए बड़ी चुनौतियां हैं। राहुल गांधी को ‘पठान’ मूवी जैसा नैरेटिव सैट करना होगा। कई विपक्षी दल, जो बॉल पर खड़े होकर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें धरातल पर लाना होगा। राहुल को एक ऐसा मुद्दा तय करना पड़ेगा, जो कांग्रेस एवं दूसरे विपक्षी दलों को भरोसे के साथ एक साझा मंच पर ला सके।