महाराष्ट्र

ट्रेन में 4 लोगों को गोलियों से भूनने वाले RPF कांस्टेबल ने मामा को किया था फोन, बोला- ब्रेकिंग न्यूज देखें

31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिम लोगों की गोली मारकर हत्या करने वाले 33 वर्षीय आरपीएफ कांस्टेबल ने उसके बाद उत्तर प्रदेश में अपने मामा को फोन किया और उन्हें टेलीविजन के समाचार चैनल पर उसके बारे में ब्रेकिंग न्यूज देखने के लिए कहा था. पुलिस ने उसके खिलाफ 1029 पेज का आरोपपत्र दायर किया है.

मुंबई.

31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन (Jaipur-Mumbai Central Superfast Express) में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिम लोगों की गोली मारकर हत्या करने वाले 33 वर्षीय आरपीएफ कांस्टेबल ने उसके बाद उत्तर प्रदेश में अपने मामा को फोन किया और उन्हें टेलीविजन के समाचार चैनल पर उसके बारे में ‘ब्रेकिंग न्यूज’ देखने के लिए कहा. बोरीवली सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) द्वारा अदालत में दायर आरोपपत्र के मुताबिक चेतनसिंह चौधरी (Chetan Singh Chaudhary) ने अपने मामा वासुदेव सोलंकी को फोन करके बताया कि उन्होंने चार लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी है. पुलिस ने 1029 पेज के आरोपपत्र में कहा कि पूर्व रेलवे पुलिसकर्मी के अपने मामा के साथ अच्छे संबंध हैं, जो एक ड्राइवर हैं.

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोप पत्र के मुताबिक अपने वरिष्ठ एएसआई टीकाराम मीणा और तीन मुस्लिम यात्रियों की हत्या करने से पहले चौधरी ने मीणा से कहा कि वह अस्वस्थ महसूस कर रहा है और उसे वलसाड या वाशी में ट्रेन से उतरने दें. लेकिन मीणा से उसे ड्यूटी पूरी करने के लिए कहा गया क्योंकि उनकी ड्यूटी जल्द ही खत्म होने वाली थी. आरोप पत्र में कहा गया है कि जब चौधरी ने सुबह 6.10 बजे कॉल किया, तो उसके मामा सोलंकी ने इसे रिसीव किया. फिर उसने अपने मामा को बताया कि उसने अपनी राइफल से अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन यात्रियों को गोली मार दी है.

इसे सुनकर सोलंकी हैरान रह गए और उन्होंने उनसे कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि वह क्या कह रहा है. जिस पर चौधरी ने उनसे टेलीविजन चालू करने और ‘ब्रेकिंग न्यूज’ देखने के लिए कहा. पुलिस ने दो घटनाओं के लिए चौधरी के खिलाफ घृणा अपराध या आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के आरोप कायम किए हैं. पुलिस ने अन्य यात्रियों द्वारा रिकॉर्ड की गई तीन वीडियो क्लिप भी आरोप पत्र के साथ संलग्न की हैं. अब आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल चेतनसिंह चौधरी का परिवार उसे मानसिक रूप से बीमार दिखाने की कोशिश कर रहा है.

आरोप पत्र में कहा गया है कि उसके मामा और उनकी पत्नी दोनों ने चौधरी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. पुलिस ने बताया है कि घटना के बाद चौधरी ने सबसे पहले अपनी पत्नी को फोन कर पूछा कि उसे क्या करना चाहिए. तभी उसकी पत्नी ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा. अब चौधरी का परिवार उसे मनोवैज्ञानिक मुद्दों के साथ मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के रूप में पेश करके उसे बचाने की कोशिश कर रहा है. अपने बयान में उसकी मां ने पुलिस को बताया कि पोरबंदर में पोस्टिंग के बाद से उसके बेटे के व्यवहार में बदलाव आ गया है.

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