दिल्ली हमारा दिल है… अधीर रंजन बोले- संघीय ढांचे से छेड़छाड़ की जाती रही तो देश तबाह हो जाएगा
कांग्रेस ने दिल्ली में ‘समूह-ए’ के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के प्रावधान वाले विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह देश के संघीय ढांचे के साथ छेड़छाड़ है और ऐसा किया जाता रहा तो ‘हिंदुस्तान…
नेशनल डेस्क
कांग्रेस ने दिल्ली में ‘समूह-ए’ के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के प्रावधान वाले विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह देश के संघीय ढांचे के साथ छेड़छाड़ है और ऐसा किया जाता रहा तो ‘हिंदुस्तान तबाह हो जाएगा’। गृह मंत्री अमित शाह ने ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023′ को लोकसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा। यह विधेयक इस संबंध में केंद्र द्वारा कुछ महीने पहले लागू अध्यादेश की जगह लेने के लिए लाया गया है।
छेड़छाड़ होती रही तो हिंदुस्तान तबाह हो जाएग
चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार दिल्ली के साथ बार-बार छेड़छाड़ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दिल्ली है, दिल्ली हमारा दिल है…दिल्ली के साथ बार-बार छेड़छाड़ क्यों की जा रही है?” चौधरी ने कहा, ‘‘अगर आप (सरकार) दिल्ली में इस तरह की छेड़छाड़ करेंगे तो आगे दूसरे राज्यों में भी ऐसा करेंगे…संघीय ढांचे के साथ इसी तरह छेड़छाड़ होती रही तो हिंदुस्तान तबाह हो जाएग।”
अध्यादेश लाने में जल्दबाजी क्यों की गई?
उन्होंने दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल की शक्तियों के दायरे को निर्धारित करने वाले उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत की मई में छुट्टियां शुरू होने के समय ही अध्यादेश लाया गया। कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘इस अध्यादेश को लाने में जल्दबाजी क्यों की गई? अध्यादेश लाने की क्या जरूरत थी? क्या ऐसी अप्रत्याशित स्थिति आ गई थी कि यह अध्यादेश लाना पड़ा? ” उनका कहना था कि सरकार सीधे विधेयक ला सकते थी।
क्या सब कुछ नौकरशाही चलाएगी?
चौधरी ने कहा कि अगर संढीय ढांचे की रक्षा नहीं की गई तो देश नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सदस्यों को जनता चुनती है, तो क्या उससे कानून बनाने का अधिकार छीन लिया जाएगा? कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या सब कुछ नौकरशाही चलाएगी? चौधरी ने दावा किया कि नयी व्यवस्था में दिल्ली के मुख्यमंत्री की शक्तियां सीमित कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस अध्यादेश के चलते 50 से अधिक संस्थाएं केंद्र के अधीन चली जाएंगी।
क्या कांग्रेस नेता ने अपने नेताओं से बात की है?
इनमें से ज्यादातर संस्थाएं लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए बनी हैं।” कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को मनमाने ढंग से विधेयक नहीं लाना चाहिए था और जांच-परख एवं संतुलन की व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चौधरी पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस नेता ने पंजाब और दिल्ली के अपने नेताओं से बात की है? इस पर चौधरी ने कहा, ‘‘आप हमारे बीच दरार डालने की कोशिश मत करिए।”