सभी राज्य

महिलाओं को निर्वस्त्र करने की घटना 4 मई की, 21 जून को FIR और 70 दिनों बाद गिरफ्तारी…उठ रहे सवाल ये है भजापा शाशन

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की शर्मनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। क्या महिलाएं अपमान करने की कोई चीज है, जब जो चाहे जैसे उनके साथ बुरा बर्ताव कर देते हैं।

नेशनल डेस्क

 मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की शर्मनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। क्या महिलाएं अपमान करने की कोई चीज है, जब जो चाहे जैसे उनके साथ बुरा बर्ताव कर देते हैं। ऐसे न जाने कितने ही सवाल लोगों के जेहन में है, लेकिन उससे भी बड़ा सवाल है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई यह घिनौनी घटना 4 मई की है और पुलिस को क्या अब तक इसके बारे में जानकारी या शिकायत नहीं मिली। मणिपुर का वीडियो बुधवार को वायरल हुआ था जिसके बाद गुरुवार को पुलिस ने घटना के 77 दिन बाद इस मामले में एक्शन लिया और वीडियो में नजर आ रहे मुख्य आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारियों ने कहा कि घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस की कई टीम का गठन किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि इनमें से एक व्यक्ति जिसे इस घटना का कथित मुख्य साजिशकर्ता कहा जा रहा है, उसे थाउबल जिले से गिरफ्तार किया गया। आरोपी 26 सेकंड के इस वीडियो क्लिप में प्रमुखता से नजर आ रहा है। पुलिस ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा था कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थाउबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास जारी है।

महिलाओं को निर्वस्त्र कर घसीटा

हिंसा प्रभावित मणिपुर में जो वीडियो वायरल हुआ है, वह घटना 4 मई को कांगकोपी जिले में हुई थी, इसमें भीड़ 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर खेत में घसीटती हुई दिखाई दे रही है। घटना की निंदा करने वाले इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम का दावा है कि महिलाएं कुकी-ज़ो जनजाति की थीं, जबकि उनके साथ छेड़छाड़ करने वाली भीड़ मैतेई समुदाय से थी। घटना के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जून को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। IPC की धारा के तहत धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत मामला दर्ज किया गया।

 

एक युवक को मार डाला

21 जून को दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया कि भीड़ ने एक आदमी को मार डाला और 3 महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया था, इनमें से एक 19 साल की पीड़िता के साथ गैंगरेप किया गया। जब पीड़िता के भाई ने उसकी मदद करने की कोशिश की तो उसकी भी हत्या कर दी गई। बाद में तीनों महिलाएं कुछ अनजान लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं।

 

गांव में घुसी भीड़

शिकायत के मुताबिक 3 मई को मणिपुर में पहली बार हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को लगभग 3 बजे करीब एक हजार लोग AK राइफल्स, SLR, इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार लेकर बी. फ़ेनोम गांव में घुस गए। हिंसक भीड़ ने तोड़फोड़ कर संपत्ति लूटी और घरों को जला दिया। शिकायत के मुताबिक हमले के दौरान 2 पुरुष और 3 महिलाएं जंगल की ओर भाग गए, बाद में उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस टीम ने बचाया और उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, तभी भीड़ ने उन्हें पुलिस स्टेशन से लगभग 2 किमी दूर तौबुल (सेकमई खुनौ) के पास पुलिस टीम से छीनकर ले गए थे। मणिपुर में कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button
Crime Cap News
Close