चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाना राजनीतिक चाल: राकांपा

शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को कहा कि चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुद्दा उठाना एक राजनीतिक चाल है और ऐसे फैसले जल्दबाजी में नहीं लिए जाने चाहिए।
नेशनल डेस्क
शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को कहा कि चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुद्दा उठाना एक राजनीतिक चाल है और ऐसे फैसले जल्दबाजी में नहीं लिए जाने चाहिए। राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी की विभिन्न इकाइयों की सिलसिलेवार बैठकों के बाद यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने न तो यूसीसी का समर्थन किया है और न ही विरोध किया है। हम केवल यह कह रहे हैं कि इतना बड़ा फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाना चाहिए।”
पटेल ने यह टिप्पणी उस वक्त की है, जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूसीसी का पुरजोर समर्थन किया और सवाल किया था कि ‘‘दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा?” उन्होंने विपक्ष पर मुस्लिम समुदाय को ‘‘गुमराह करने तथा उकसाने के लिए” यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया। राकांपा नेता ने कहा, ‘‘अगर कोई भी कानून जनहित के लिए लाना है तो उसे जल्दबाजी में नहीं लाया जाना चाहिए। उस पर उचित चर्चा होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में विधि आयोग ने पूर्व की सिफारिशों को रद्द कर दिया और एक छोटी अवधि के भीतर नए सुझाव मांगे हैं। यह जल्दबाजी में चीजें लागू करने की कोशिश लगती है।” पटेल ने कहा, ‘‘अचानक साढ़े नौ साल बाद सरकार अब यूसीसी की बात कर रही है, यह आगामी चुनावों से पहले एक राजनीतिक चाल है।” उन्होंने कहा कि राकांपा ने भी यूसीसी पर कोई राय नहीं बनायी है क्योंकि वह विभिन्न समूहों के साथ चर्चा करेगी तथा इस संबंध में अध्ययन कराना चाहेगी।
बुधवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता में पार्टी की विभिन्न इकाइयों की बैठकों के बारे में पटेल ने कहा कि पार्टी राज्यों में आगामी चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है क्योंकि वह देशभर में अपना प्रसार करना चाहती है। अजित पवार के महाराष्ट्र राकांपा का प्रमुख बनने की ख्वाहिश पर पटेल ने कहा कि ऐसे फैसले रातोंरात नहीं लिए जा सकते क्योंकि राज्य में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है।