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पलूशन पर सुनवाई के दौरान SC ने की सख्त टिप्पणी; जिम्मेदारी से भाग रहे नौकरशाहों को भी लगाई फटकार

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली, एनसीआर राज्यों को मंगलवार को हुई बैठक में लिए गए फैसलों का पालन करने का निर्देश दिया। इसके बाद मामले पर सुनवाई अगले बुधवार तक स्थगित की गई।
सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पिछली सुनवायी का जिक्र करते हुए कहा कि टेलीविजन पर बहस के दौरान उन्हें ‘गैर जिम्मेदार’ बताया गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘टीवी पर बहस से अधिक प्रदूषण फैल रहा है। हर कोई अपने एजेंडे पर काम कर रहा है।’

सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने जानलेवा स्तर पर पहुंचे वायु प्रदूषण कम करने में नाकाम केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ-साथ नौकरशाहों को अपनी जिम्मेदारी से भागने पर उनकी खिंचाई की और कहा कि वे चाहते हैं कि उन्हें यह भी आदेश दिये जायें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में वायु प्रदूषण कम करने के लिए पानी के छिड़काव से लेकर वाहनों को कैसे चलाया जाये।
शीर्ष अदालत ने कहा कि टीवी अधिक प्रदूषण फैला रहा है। अदालत के छोटे ऑब्जरवेशन को कई बार विवाद का बड़ा मुद्दा बना दिया जाता है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की खंडपीठ ने प्रदूषण कम करने में केंद्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों के सामूहिक प्रयास करने में तालमेल की कमी और नौकरशाहों के टालमटोल रवैये पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
शीर्ष अदालत ने राजधानी की दिल्ली सड़कों से 10-15 साल पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने का खास तौर पर जिक्र किया। अदालत ने सवाल किया कि उन्हें रोकने के लिए कौन प्रोत्साहित करेगा। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि अगर पड़ोसी राज्यों ने वाहनों पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो घर से काम करने का कोई मतलब नहीं है।

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