‘काश तुमने मुझसे प्यार किया होता’, जिया खान ने सूरज पंचोली पर लगाए थे संगीन आरोप, छोड़ गईं थीं 6 पन्नों का नोट

निशब्द’ और ‘गजनी’ जैसी फिल्मों से लाइमलाइट में आईं जिया खान महज 25 साल की उम्र में अपनी मौत से पहले 6 पन्नों का आखिरी खत लिखा था. आखिर जिया ने उस लेटर में आखिर क्या लिखा था? क्यों उन्होंने सूरज पंचोली पर संगीन आरोप लगाए थे. आज आपको बताते हैं कि सीबीआई को मिले लेटर में जिया ने क्या-क्या लिखा था.
नई दिल्ली.
3 जून 2013 वो दिन जब बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान ने दुनिया को अलविदा कहने का फैसला किया. करीब 10 सालों के इंतजार के बाद फिल्म एक्ट्रेस जिया खान के परिवार को यकीन है कि आज सीबीआई के फैसले से उनकी दिवंगत बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी. अपनी मौत से पहले जिया ने एक-दो नहीं बल्कि 6 पन्नों को एक लंबा सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड और एक्टर सूरज पंचोली पर संगीन आरोप लगाए थे. एक्ट्रेस की मौत के बाद उनके घर से जो लेटर बरामद किया गया था उसे सीबीआई की चार्जशीट में शामिल किया गया है. सीबीआई ने सूरज पंचोली पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.
‘निशब्द’ और ‘गजनी’ जैसी फिल्मों से लाइमलाइट में आईं जिया खान महज 25 साल की उम्र में अपनी मौत से पहले 6 पन्नों का आखिरी खत लिखा था. आखिर जिया ने उस लेटर में आखिर क्या लिखा था? क्यों उन्होंने सूरज पंचोली पर संगीन आरोप लगाए थे. आज आपको बताते हैं कि सीबीआई को मिले लेटर में जिया ने क्या-क्या लिखा था.
‘अंदर से टूट चुकी हूं मैं’
‘पता नहीं, तुमसे ये बात कैसे कहूं. मगर अब खोने को कुछ भी नहीं बचा है. इसलिए सब कुछ बयां कर देने का यही सही वक्त है. वैसे भी मैं पहले ही सब कुछ खो चुकी हूं. अगर तुम इसे पढ़ रहे हो, तो इसका मतलब है कि मैं या तो जा चुकी हूं या इसकी तैयारी में हूं. अंदर से टूट चुकी हूं मैं. तुम्हें शायद इस बात का पता न हो, मगर तुम्हारा मुझ पर ऐसा असर था कि मैं टूटकर प्यार करने लगी और उस फेर में खुद को पूरी तरह भुला दिया, खो दिया. मगर तुम थे कि मुझे तड़पाते रहते थे, तकलीफ देते रहते थे, रोजाना’.
‘अब मुझे अपनी जिंदगी में रौशनी की एक लकीर भी नहीं दिखती. सुबह आंख खुलती है, पर बिस्तर से उठने का मन नहीं करता. कभी ऐसे भी दिन थे, जब मैं बस अपना सब कुछ, अपना आने वाला कल तुम्हारे साथ में देखती थी. एक उम्मीद थी कि हम साथ होंगे. मगर तुमने मेरे उन सपनों को चूर-चूरकर दिया. अब ऐसा लगता है कि जैसे मैं अंदर से मर चुकी हूं.’
‘मैंने कभी किसी को अपना इतना कुछ नहीं दिया या इतनी परवाह नहीं की. तुमने मेरे प्यार के बदले मुझे धोखा और झूठ दिया. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं तुम्हारे लिए गिफ्ट लाती रही, तुम्हारी नजरों में खूबसूरत दिखने के लिए जतन करती रही, मगर तुम्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. प्रेग्नेंट होने का डर बना रहता था, फिर भी बिना हिचक तुम्हें सब कुछ सौंप दिया. मगर तुमने इन सबके बदले मुझे तकलीफ दी. इस दर्द ने मुझे पूरी तरह से मार दिया. मेरी रूह तक तबाह हो गई. अब हाल ये है कि न मैं खा पाती हूं, न सो पाती हूं. न सोच पाती हूं और न ही कुछ कर पाती हूं. हर चीज मेरी पकड़ से छूट रही है’.
‘मैं इन सबकी हकदार तो नहीं थी’
करियर के बारे में तो अब सोचा भी नहीं जाता. जब मैं तुमसे पहली बार मिली थी, मेरे भीतर उत्साह था, उम्मीदें थीं और अनुशासन था. फिर मुझे तुमसे प्यार हो गया. मुझे लगा कि अब मेरे भीतर की सबसे शानदार खूबियों को दुनिया में पनाह मिलेगी. मुझे नहीं पता क्यों तकदीर हमें साथ और करीब लेकर आई. पहले ही इतनी तकलीफों, बलात्कारों, गालियों और यातनाओं को सहने के बाद मैं कम-से-कम इन सबकी हकदार तो नहीं थी.’
‘काश… तुमने मुझसे प्यार किया होता जैसा मैंने…’
‘तुम्हारी तरफ से कोई प्यार या कमिटमेंट नहीं देखा मुझे… हर दिन मेरा यही डर बढ़ता रहा कि तुम मुझे मेंटली या फिजिकली हर्ट कर सकते हो. तुम्हारी जिंदगी बस औरतों और पार्टियों के इर्द गिर्द घूमती थी, जबकि मेरी जिंदगी मेरे काम और तुम्हारे बीच ही बसी थी. अगर मैं यहां रुकती हूं, तो तुम्हारी कमी खलेगी, तुम्हारी जरूरत महसूस होगी. इसलिए मैं अपने दस साल के करियर और उससे पनपे सपनों को अलविदा कहकर जा रही हूं. काश… तुमने मुझसे प्यार किया होता जैसे मैं तुमसे प्यार करती थी. मैंने हमारे फ्यूचर का सपना देखा. मैंने हमारी सफलता का सपना देखा. मैं इस जगह को टूटे सपनों और खाली वादों के साथ छोड़ रही हूं. अब मैं बस इतना चाहता हूं कि सो जाऊं और फिर कभी न उठूं. तुमने मुझे अकेला और कमजोर महसूस कराया.’