Breaking News

कोरोना का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट दिखाकर मुआवजा लेने वाले सावधान! सुप्रीम कोर्ट ने दिए कार्रवाई के संकेत

SC on Fake corona death certificates: कुछ लोग डॉक्टरों से फर्जी कोरोना डेथ सर्टिफिकेट बनाकर सरकार से उसका मुआवजा ऐंठने में लगे हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त नराजगी जताते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए स्वतंत्र जांच एजेंसी के गठन का संकेत दिया है. दरअसल, इससे पहले कोर्ट ने राज्यों से कहा था कि वह तकनीकी आधारों पर मुआवजे के दावों को खारिज न करें. इसके बाद कोरोना से हुई मौत के सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा लोग मुआवजे के लिए दावे कर रहे हैं. इसी बात की शिकायत को लेकर सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.

आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा महाराष्ट्र सरकार के पास 2.41 लाख दावे आए जिनमें 68069 दावे को खारिज कर दिया गया.

नई दिल्ली.

कोरोना (Corona) की त्रासदी ने हजारों लोगों को हमसे छीन लिया. जो लोग इस दुनिया से चले गए, उनका परिवार भारी सदमे से गुजर रहा है. सरकार की ओर से उन्हें 50 हजार मुआवजे का ऐलान किया गया है लेकिन कुछ बेइमान लोग ऐसे भी हैं जो इस तरह के मामले में भी फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर मुआवजे की राशि हड़प रहे हैं. इससे जो लोग वास्तविक हकदार हैं, उनका हक मारा जा रहा है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सख्त नराजगी जताई है और ऐसे लोगों के खिलाफ जांच एजेंसी के गठन का संकेत दिया है.

भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए आंकड़ों में बताया कि अब तक अब तक कोविड से हुए मौत के बाद उनके परिवारों में 6 लाख लोगों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा दिया गया है. कोविड डेथ से संबंधित अब तक 8 लाख दावे किए गए हैं.यह आंकड़ा राज्यों द्वारा कोविड से हुए मौत के आंकड़ें से कहीं अधिक है.

इस धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मामले की सुनाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोरोना से होने वाली मौत के मामले में आश्रित परिजनों को मुआवजा देने में दिक्कत आ रही है क्योंकि कई लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर मुआवजे का दावा कर रहा है. तुषार मेहता ने कहा कि डॉक्टर अन्य कारणों से हुई मौत को भी कोरोना से हुई मौत बताते हुए नकली प्रमाणपत्र दे रहे हैं. इस बात पर कड़ी आपत्ति जताते हुए जस्टिस एम आर शाह (Justices M R Shah) और जस्टिस बी वी नागारथना (B V Nagarathna) ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा फेक सर्टिफिकेट दिए जाने से हम चिंतित हैं. यह बहुत ही गंभीर मामला है.

हमने यह विश्वास करते हुए एक आदेश पारित किया कि डॉक्टर वास्तविक प्रमाण पत्र जारी करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होना गंभीर है. इस मामले को कैसे रोका जाए, इस पर हम कुछ सुझाव चाहते हैं. हमें किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच का आदेश देना होगा. हम डॉक्टरों की इस धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

पहले कहा था तकनीकी आधार पर दावे खारिज न करें
गौरतलब है कि कोरोना से हुई मौत के बाद उनके परिजनों को मुआवजे देने का मामला खुद सुप्रीम कोर्ट देख रहा है. हर कुछ सुप्रीम कोर्ट की ही निगरानी में चल रहा है. ऐसे में कुछ भी करने से पहले सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तकनीकी आधार पर अगर किसी के पास कोरोना से मौत का दस्तावेज नहीं है तो उसे मुआवजा देने से मना नहीं कर सकते. अब इस मामले में 14 मार्च को सुनवाई होगी. इससे पहलेकोर्ट ने राज्यों से कहा था कि वह तकनीकी आधारों पर मुआवजे के दावों को खारिज न करें. कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिए थे कि आवेदन मिलने के 10 दिन के भीतर मुआवजा देने की कोशिश करें. जस्टिस एम.आर. शाह और जस्टिस बी.वी. नागररत्‍ना की बेंच ने कहा था, ‘मृतकों से जुड़े अधिकारिक आंकड़े सच नहीं हैं और यह नहीं कहा जा सकता कि (कोविड पीड़‍ितों के परिवारों की ओर से) फर्जी दावे किए जा रहे हैं.

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा दावे खारिज
आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा महाराष्ट्र सरकार ने मुआवजे के दावे को खारिज किया है. महाराष्ट्र सरकार के पास 2.41 लाख दावे आए जिनमें 68069 दावे को खारिज कर दिया गया. महाराष्ट्र के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कोरोना से 142705 लोगों की मौत हुई लेकिन अब तक उसने 158296 मृतकों के परिवारों को मुआवजा दे चुकी है. गुजरात में मौत से बहुत ज्यादा लोगों ने मुआवजे का दावा किया है. गुजरात में कोरोना से हुई आधिकारिक मौत की संख्या 10,094 है लेकिन 1,02,230 दावे किए जा चुके हैं. इनमें 87045 लोगों को मुआवजे की रकम दी जा चुकी है.

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button