बिना Ration Card के भी ये लोग पा सकेंगे सब्सिडी वाला अनाज, सरकार इस प्लान पर कर रही काम

सूत्रों की मानें तो ऐसे लाभार्थियों की पहचान पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की मदद से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके सत्यापित की जा सकती है।
नई दिल्ली
राशन कार्ड (Ration Card) न होने की वजह से ढेर सारे जरूरतमंद लोग अभी भी सब्सिडी वाले अनाज से महरूम रह जाते हैं। पर आने वाले समय में बेघर, बेसहारा और निराश्रित लोगों को भी सब्सिडी वाला अन्न हासिल हो सकेगा। दरअसल, ऐसे लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने के लिए सरकार योजना बना रही है और इसके तहत वह जल्द ही एक पोर्टल लॉन्च करेगी।
एनजीओ (गैर-सरकारी संस्थाएं) और अन्य सिविल सोसायटी संगठन इसके वेबसाइट/पोर्टल के जरिए उन जरूरतमंद लोगों का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। केंद्र इसके साथ ही उन नामों (लाभार्थियों) को विभिन्न राज्यों के पास भेजेगी, ताकि उन लोगों को पीडीएस लाभार्थियों की सूची में शामिल किया जा सके।
केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पाण्डे के हवाले से अंग्रेजी अखबार “टीओआई” की खबर में आगे बताया गया कि मौजूदा समय में जिन लोगों को अधिक सब्सिडी पर मिलने वाले इस अनाज की जरूरत है, वे इसे नहीं पा पा रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं और वे इसलिए नहीं बन पा रहे, क्योंकि उनके पास कोई निवास प्रमाण नहीं है। राशन कार्ड बनवाना बड़ी जटिल प्रक्रिया है और ऐसे सबसे कमजोर वर्गों के लिए इसे प्राप्त करना लगभग असंभव है, वह भी तब जब वे इस अधिकार को हासिल करने वाले पहले व्यक्ति होने चाहिए।
सुशासन सप्ताह के एक हिस्से के रूप में हुई एक चर्चा में भाग लेते हुए पाण्डे ने बताया कि उनके मंत्रालय ने एनआईसी को ऐसे कमजोर और सबसे योग्य लोगों का डेटा जुटाने के लिए एक “राष्ट्रीय पोर्टल” के साथ आने को कहा है। वह आगे बोले, “एनजीओ उन्हें पोर्टल पर पंजीकरण करने में मदद कर सकते हैं। फिर हम संबंधित राज्यों से उन्हें लाभार्थियों की सूची में शामिल करने के लिए कहेंगे।”
अंग्रेजी अखबार से उन्होंने आगे कहा- इस पर काम शुरू हो गया है और गरीब से गरीब व्यक्ति तक इस तरह के लाभ पहुंचाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा। एक बार इन लोगों के लाभार्थियों की सूची में शामिल हो जाने के बाद वे अपनी पसंद के स्थान से रियायती खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं, जैसा कि ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना के तहत राशन कार्ड के मामले में होता है।
सूत्रों की मानें तो ऐसे लाभार्थियों की पहचान पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की मदद से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके सत्यापित की जा सकती है।