पाना चाहते हैं भगवान विष्णु की कृपा, इस विधि से कराएं सत्यनारायण की कथा, पढ़ें महत्व और नियम

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को जगत का पालनहार बताया गया है. भगवान विष्णु की पूजा करना भी विशेष महत्व रखता है. मुख्य रूप से एकादशी, बृहस्पतिवार और पूर्णिमा तिथि को भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. इस दौरान बहुत से लोग भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ते और सुनते हैं.
घर की शांति और सुख समृद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की कथा विशेष लाभकारी मानी जाती है.
हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही लोग देवी-देवताओं के लिए व्रत रखते हैं और उनकी कथाओं का पाठ करते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार, सत्य ही भगवान हैं और नारायण सबसे बड़े आराध्य हैं. सत्यनारायण का व्रत उत्तर भारत में कई घरों में किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा अर्चना की जाती है, और सत्यनारायण कथा का पाठ भी किया जाता है. वैसे तो हिंदू धर्म में किसी भी पुण्य कार्य के अवसर पर घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा कराने की परंपरा है. स्कंद पुराण के अनुसार सत्यनारायण भगवान विष्णु के रूप हैं. ऐसे में सत्यनारायण कथा करने और सुनने से भक्तों पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है. दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्डया बता रहे हैं, सत्यनारायण कथा करवाने के महत्व और नियम के बारे में.
सत्यनारायण भगवान की कथा के लाभ
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, घर में भगवान सत्यनारायण की कथा करना बहुत फायदेमंद होता है. माना जाता है कि भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करना या उसे सुनना मन में शांति लाता है, और श्रद्धा का भाव जगाता है. इस कथा के लिए कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. जिससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो सके. सत्यनारायण भगवान की कथा के लिए सबसे पहले केले के पत्तों का मंडप बनाएं, अब चौकी लेकर उसमें लाल कपड़ा बिछा दें. यदि लाल कपड़ा ना मिले तो आप केले के पत्तों का ही उपयोग कर सकते हैं. उस पत्ते पर भगवान सत्यनारायण की तस्वीर, भगवान गणेश की प्रतिमा और कलश रखें. कलश रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसलिए कलश की पूजा करें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें, और सत्यनारायण भगवान की पूजा कर कथा की शुरुआत करें. भगवान को भोग लगाने के लिए पंजीरी, पंचामृत, केला और तुलसी अवश्य रखें. इस दिन पंचामृत के रूप में दही में मेवे मिलकर भगवान विष्णु को भोग लगाएं. इसी से भगवान विष्णु को स्नान कराएं. इस पूजन में केले का फल अवश्य रूप से शामिल करें.
शालिग्राम की पूजा करें
सत्यनारायण भगवान की पूजा में भगवान शालिग्राम की पूजा भी अवश्य होती है. भगवान शालिग्राम की पूजा के लिए उन्हें दूध से नहलाया जाता है. दूध और केले से प्रसाद बनाया जाता है, और इस दिन चावल का प्रयोग नहीं किया जाता. भगवान सत्यनारायण की कथा वाले दिन गेहूं का दान करना शुभ माना जाता है.
सत्यनारायण कथा का महत्व और लाभ
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सत्यनारायण भगवान की कथा से ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि इस कथा को पढ़ने और सुनने वाले लोगों की सभी प्रकार की मनोकामना की पूर्ति होती है. भगवान विष्णु का व्रत करने से सारे कष्ट दूर होते हैं. घर की शांति और सुख समृद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की कथा विशेष लाभकारी मानी जाती है. विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भी सत्यनारायण भगवान की कथा लाभकारी है. लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी इस कथा को करना लाभदायक माना जाता है. मानते हैं कि भगवान सत्यनारायण की कथा का प्रसाद जितने ज्यादा लोगों में वितरित होता है, यह उतना ही ज्यादा लाभकारी होता है.