घास-फूस वाले इलाज से नहीं ठीक होगा बवासीर, यहां जानिए पाइल्स के इलाज का वैज्ञानिक तरीका, सॉलिड रूप से होगा सही

बवासीर या पाइल्स बहुत ही दर्दनाक बीमारी है जिसमें दर्द सहना मुश्किल हो जाता है. इस दर्द से राहत पाने के लिए लोग कई तरीके के इलाज करते हैं लेकिन इसपर घास-फूस का असर नहीं होता है. इसलिए पाइल्स या बवासीर का इलाज वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए.
पाइल्स या बवासीर बहुत ही दर्द वाली बीमारी है. इस बीमारी में मरीज को कुछ कहते हुए भी झिझक होता है लेकिन अंदर ही अंदर वह दर्द से कराहता रहता है. पाइल्स मरीज के जीवन की गुणवत्ता को बेहद खराब कर देता है. दरअसल, पाइल्स की बीमारी में मलद्वार की नसों में सूजन हो जाती है. सूजन जब ज्यादा हो जाती है तब असहनीय दर्द होता है. आमतौर पर पाइल्स की बीमारी कब्ज से शुरू होती है और जैसे ही स्टूल हार्ड होता है, इसे पास करने में काफी जोर लगाना पड़ता है, इससे मलद्वार की नसें फूलने लगती है और इसमें सूजन होने लगती है. यही बीमारी की जड़ है. कुछ लोगों को कभी-कभी पाइल्स परेशान करता है लेकिन अधिकांश लोग आज पाइल्स के दर्द से परेशान रहते हैं. इसमें खुजलाहट, दर्द और कई अन्य तरह की परेशानियां हो जाती है. खास बात यह है कि जैसे ही मरीज किसी से इसकी चर्चा करते हैं वह इसके लिए तरह-तरह के घास-फूस वाला इलाज बता देते हैं लेकिन इन चीजों से परेशानी और बढ़ सकती है. इसलिए बेहतर यह है कि पाइल्स का इलाज करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया जाए.
क्या है सही इलाज
मायो क्लिनिक ने पाइल्स के इलाज के लिए वैज्ञानिक तरीकों को बताया है. इसके मुताबिक पाइल्स के अधिकांश मामलों को घर पर भी ठीक किया जा सकता है. इसमें सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि कब्ज न हो और स्टूल हार्ड न बने. इसके तीन तरीके हैं. पहला है कि खान-पान को सही कर बवासीर की परेशानी से निजात पाई जा सकती है. दूसरा है नियमित रूप से गर्म पानी के उपर बैठना या सिट्ज बाथ की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है और तीसरा है कि पाइल्स की कुछ क्रीम की मदद ली जा सकती है.
1. आहार-अगर आपको पाइल्स है तो सबसे पहले आप अपने आहार को ठीक कीजिए. ज्यादा हैवी भोजन न करें. रेशे वाली सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे तो स्टूल हार्ड नहीं होगा और बहुत जल्दी पाइल्स से राहत मिल जाएगी. इसके लिए फ्रूट, ताजी हरी सब्जियां, साग और साबुत अनाज का अधिक से अधिक सेवन करें. प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड या जिसमें फाइबर की मात्रा न हो, उनका सेवन न करें.
2.गर्म पानी से सिकाई-अगर पाइल्स में दर्द ज्यादा होने लगा है तो एक टब में गर्म पानी डाले और उसके उपर बैठ जाएं. जितना गर्म सहन हो उतना ही गर्म पानी को रखें. 10 से 15 मिनट तक इस पर बैठे रहें. यह तरीका दवा से ज्यादा राहत देगा. इसके अलावा सिट्ज बाथ भी लिया जा सकता है.
3.क्रीम का इस्तेमाल-पाइल्स में जब स्टूल हार्ड होता है तो इसे पास होने के दौरान बहुत दर्द होता है और नसें फटने का डर रहता है. इसमें खून निकलने लगता है. लेकिन कई तरह के क्रीम हैं जो मलद्वार को सॉफ्ट बना देती है. इसमें हाइड्रोकॉर्टिसोन होता है जो मलद्वार को स्मूथ बनाता है और इससे नसें रिलेक्स होती है.
4. मेडिसीन-पाइल्स में डॉक्टर दर्द के लिए कुछ दवाइयां भी देते हैं. आमतौर पर मामलू लक्षण वाले पाइल्स इन दर्द की दवाइयों से ही ठीक हो जाता है.
फाइनल इलाज क्या है
1.सर्जरी-अगर पाइल्स बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो डॉक्टर इसकी सर्जरी करते हैं. इसमें सूजे हुए नसों को डॉक्टर काटकर अंदर से निकाल देते हैं. यह बहुत ज्यादा देर वाली सर्जरी नहीं है. एक दिन में मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है.
2. रबर बैंड लिगेशन-अगर इन घरेलू उपायों से पाइल्स ठीक नहीं हो तो डॉक्टर के पास जाना बेहतर रहता है. डॉक्टर रबर बैंड लिगेशन लगाते हैं. यह एक प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर एक छोटी सी मशीन के माध्यम से एक या दो छोटे रबर बैंड को सूजन वाली नसों में फिट कर देते हैं. इससे सूजन के लिए जिम्मेदार नसों का ब्लड सर्कुलेशन से संपर्क टूट जाता है. कुछ सप्ताह के बाद ये रबर बैंड खुद ही निकल जाते हैं.
6. इंजेक्शन (स्क्लेरोथेरेपी)-इस प्रक्रिया के माध्यम से डॉक्टर बवासीर के टिशू में एक इंजेक्शन डालता है. इससे सूजन वाली नसें सिकुड़ जाता है. हालांकि इंजेक्शन से दर्द बहुत कम होता है लेकिन यह रबर बैंड लिगेशन की तुलना में कम प्रभावी हो सकता है.