चाणक्य नीति: क्या आप होना चाहते हैं सफल तो जानना जरूरी है 5 सवालों के जवाब

सफल होने के लिए 5 सवालों के जवाब जानना जरूरी है. यह बात चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में कही है. उन्होंने कहा कि इन सवालों के जवाब जाने कोई सफल नहीं हो सकता. जो बुद्धिमान होगा, वह जरूर इनके जवाब जानता होगा.
Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ के चौथे अध्याय के 18वें श्लोक में बताया है कि सफल होने के लिए क्या करना चाहिए. वह कहते हैं कि ज्यादातर महिला-पुरुष इन बातों को अनदेखा करके मुश्किल में फंस जाते हैं. चाणक्य नीति को मानकर विवाद और धन हानि से बच सकते हैं. चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि सफल होने के लिए किन 5 सवालों के जवाब मालूम होने चाहिए. समझदार व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखकर ही कुछ करते हैं-
क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।
कस्याऽडं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुंहु:।।
इस श्लोक का अर्थ इस प्रकार है- समझदार व्यक्ति को हमेशा सोचना चाहिए कि मेरा समय कैसा है? मेरे कितने मित्र हैं ? जिस स्थान पर रहता हूं, वह कैसा है ? कमाई और खर्च कितना है ? मैं कौन हूं ? मेरी शक्ति क्या है मतलब मैं क्या कर सकता हूं ?
सफल होने के लिए ये 5 चीजें जाननी हैं जरूरी
चाणक्य कहते हैं कि समझदार व्यक्ति जानता है ये बात कि वर्तमान समय कैसा चल रहा है. अभी सुख के दिन हैं या दुख के. इसी आधार पर वह काम करता है. जैसे कि व्यापारी को ये बात जाननी जरूरी है कि बाजार की क्या स्थिति है.
2. मित्रों के बारे में
समझदार व्यक्ति वह है जो यह जानता है कि उसके कौन-कौन सच्चे मित्र हैं. मित्रों के वेश में छिपे शत्रुओं को भी जानता है. अगर सच्चे मित्र और मित्र के वेश में छिपे शत्रु की पहचान नहीं है तो एक दिन धोखा मिलेगा.
3. देश कैसा है
यह देश कैसा है यानी जहां हम काम करते हैं वह जगह, शहर और वहां के लोग कैसे हैं. यह बात जाननी जरूरी है. इस बात का ख्याल रखकर काम करेंगे तो जरूर सफल होंगे और कभी बुरे भी नहीं फंसेंगे.
4. आमदनी और खर्च की जानकारी
अपनी आमदनी और खर्च की जानकारी होनी जरूरी है. अगर इसका ज्ञान नहीं होगा तो आमदनी अठन्नी और खर्च रूपया होगा. व्यक्ति को अपनी आय के अनुसार ही खर्च करना चाहिए. आय से कम खर्च करेंगे तो थोड़ा-थोड़ा ही सही धन संचय हो सकता है.
5. मालूम होनी चाहिए अपनी क्षमता
आखिर में सबसे जरूरी बात ये कि हमें अपनी क्षमता पता होनी चाहिए. वही काम हाथ में लेना चाहिए जिसे पूरा कर सकें. अगर क्षमता से अधिक काम ले लेंगे तो फिर असफल होना तय है.