मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका, गिरफ्तारी मामले में सुनवाई से इनकार, कहा- हाईकोर्ट जाएं

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका मिला है. मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है.
नई दिल्ली.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका मिला है. मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी इस स्टेज पर दखल नहीं दे सकते, साथ ही कोर्ट ने सिसोदिया हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की सलाह दी है. मनीष सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत ना मिलने पर आम आदमी पार्टी (AAP) का बयान भी सामने आया है. पार्टी ने कहा है कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं. हम हाई कोर्ट जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समय वो इसे नहीं सुनना चाहते. सिसोदिया ने याचिका वापस लेने की बात कही है. कोर्ट ने कहा कि यदि मामला दिल्ली में हुआ है, इसका अर्थ ये नहीं कि आप सुप्रीम कोर्ट ही आ जाएं, आप हाई कोर्ट भी जा सकते हैं. इस पर आरोपी के वकील सिंघवी ने कहा कि आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था. उनके पास 18 विभाग हैं. कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है. अगर गिरफ्तारी का सही कारण हुए बिना राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी होने लगी, तो ये ठीक नहीं होगा. गिरफ्तारी का अधिकार का ये अर्थ नहीं है कि जबरन गिरफ्तार किया जाए.
मामला दिल्ली में है, इसका मतलब ये नहीं कि आप सारे कानूनी विकल्प छोड़ दें…
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के वकील से कहा आपके पास कानूनी विकल्प है आप आजमा सकते है. आप हाई कोर्ट में अपील कर सकते है. आपको सुप्रीम कोर्ट आने की क्या जरूरत है. आपके पास दूसरे कानूनी विकल्प है आप उसका इस्तेमाल करिए. जस्टिस नरसिम्हन ने कहा कि अगर कोई मामला दिल्ली में है इसका मतलब यह नहीं है कि आप सारे कानूनी विकल्प छोड़कर सीधे सुप्रीम कोर्ट आ जाए. इस पर वकील सिंघवी ने कहा कि हमें दो बार समन किया गया, पूछताछ के लिए गया. तीसरी बार बजट की थी, हमने छूट मांगी. फिर हम गए, तो हमें गिरफ्तार किया गया. इस पर सुप्रीम कोर्ट हम आपकी बात मानते हैं, लेकिन रेमेडी है. आप हाईकोर्ट जाने के लिए, आपने सुबह मेंशन किया है. सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खुले हैं, लेकिन आपको हाईकोर्ट जाने के लिए लिबर्टी है.
हाई कोर्ट ऐसे मामले की सुनवाई में सक्षम
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के वकील से कहा आप दिल्ली हाई कोर्ट में अपील करे आपके पास अधिकार है. इस पर सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने अपने फैसलों में साफ किया है कि लोगों की व्यक्तिगत आजादी से समझौता नहीं हो सकता. इस पर CJI ने कहा कि विनोद दुआ का केस एक पत्रकार की अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा था ( सिंघवी ने इसका हवाला दिया था), आपका केस प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट का है. इस पर सिंघवी ने कहा कि यह अधिकारों का मसला है. तब सीजेआई ने कहा कि हाईकोर्ट समान रूप से ऐसे मामले में सुनवाई को सक्षम है.
नई शराब नीति लाने के बाद अनुचित लाभ पहुंचाने के लगे आरोप
मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी और शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है. दरअसल 17 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी. इसको लेकर जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी. इसी रिपोर्ट पर आरोप लगे थे और सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को मामला दर्ज कर लिया था. इस मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई का कहना था कि नई एक्साइज पॉलिसी में कथित गड़बड़ी की जांच के लिए मनीष सिसोदिया, प्रभारी आबकारी मंत्री और 14 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जांच में सहयोग के लिए मनीष सिसोदिया को धारा 41-ए के तहत नोटिस जारी किया गया था. इस पर उन्होंने एक सप्ताह का समय मांगा था. इसके बाद फिर उन्हें नोटिस जारी किया गया, लेकिन उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और जांच में सहयोग नहीं किया. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.