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कौन हैं इंद्राणी रहमान? स्विमसूट के साथ लगाया था गजरा-बिंदी, मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में जीता दिल

अमेरिका के कैलिफोर्निया में पहली बार मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता हुई थी.अपनी उम्दा पर्सनैलिटी और एथनिक ड्रेसअप से दुनिया भर की निगाहों को अपनी और टिकाने वालीं इंद्राणी रहमान (Indrani Rahman) की उम्र उस वक्त सिर्फ 22 साल थी.

71 साल पहले यानि साल 1952 में पहली बार मिस यूनिवर्स (Miss Universe) प्रतियोगिता की शुरुआत हुई. तब से लेकर आज तक ये प्रतियोगिता दुनियाभर की सुंदरियों को हर साल सम्मान देती है. साल 1952 में भारत की दूसरी मिस इंडिया रहीं इंद्राणी रहमान (Indrani Rahman) को इस प्रतियोगिता में भाग लेने का सौभाग्य मिला. मिस यूनिवर्स का खिताब हमारे देश में उस साल तो नहीं आ पाया था, लेकिन इंद्राणी रहमान ने वो कमाल किया, जिसके बाद पर काफी मशहूर हो गई थीं.

अमेरिका के कैलिफोर्निया में पहली बार मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता हुई थी.अपनी उम्दा पर्सनैलिटी और एथनिक ड्रेसअप से दुनिया भर की निगाहों को अपनी और टिकाने वालीं इंद्राणी रहमान (Indrani Rahman) की उम्र उस वक्त सिर्फ 22 साल थी.

स्विमसूट के साथ लगाई बिंदी, पहना गजरा
इस प्रतियोगिता में दुनिया की खूबसूरत महिलाओं ने भाग लिया था. हुस्न की परियों के बीच चल रही प्रतियोगिता में इंद्राणी रहमान बेहद खास अंदाज में पहुंचीं. जब उस दौरान इंद्राणी ने रैंप वॉक की, तो उनका आत्मविश्वास और बोल्ड अंदाज देखने लायक था. इसके साथ ही स्विमसूट राउंड में जब इंद्राणी स्विमसूट के साथ गजरा और बिंदी लगाकर आईं, तो उनके इस फैशन कॉम्बिनेशन ने सभी को इम्प्रेस कर दिया.

निजी जिंदगी है काफी दिलचस्प
इंद्राणी की निजी जिंदगी भी काफी दिलचस्प रही. उन्होंने 15 साल की उम्र में 30 साल के हबीब रहमान से भाग कर शादी कर ली थी. हबीब रहमान उस समय के जाने-माने आर्किटेक्ट थे. उनसे इंद्राणी के दो बच्चे हुए, बेटा राम रहमान और बेटी सुकन्या रहमान.

पद्मश्री से सम्मानित हैं इंद्राणी रहमान
इंद्राणी रहमान एक लाजवाब क्लासिकल डांसर थीं. वो 4 तरह की डांस फॉर्म्स- भरतनाट्यम, कुचिपूड़ी, कथकली और ओड़िसी में निपुण थीं. इस प्रतियोगिता के बाद भी डांस के प्रति अपनी जुनूनियत कम नहीं होने दी. उन्होंने अपनी मां के साथ पूरा वर्ल्ड टूर किया, ताकि उन्हें डांस की अलग-अलग क्लासिकल फॉर्म्स के बारे में पता चल सके. साल 1961 में इंद्राणी एशिया सोसायटी टूर में हिस्सा लेने वाली पहली डांसर थीं. नृत्यशैली के प्रति इनकी लगन और मेहनत के चलते 1969 में उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड और 1981 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड मिला इसके अलावा उन्हें तारकनाथ दास अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है.

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