पवन खेड़ा के खिलाफ कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ”प्रतिशोध, उत्पीड़न और धमकी” की राजनीति का नया उदाहरण और तानाशाही करार: कांग्रेस

खेड़ा को विमान से उतारकर गिरफ्तार किया गया, अंतरिम जमानत मिली, कांग्रेस बोली : ‘टाइगर जिंदा है’….
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, हालांकि कुछ घंटे बाद ही उन्हें उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिल गई।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि खेड़ा शुक्रवार को रायपुर पहुंचेंगे। उनके अनुसार उन्हें बृहस्पतिवार शाम को पहुंचना था, लेकिन कुछ अदालती प्रक्रियाओं को पूरा करने में विलंब हो गया।
खेड़ा को बड़े ही नाटकीय अंदाज में दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 पर खड़े इंडिगो के विमान से नीचे उतारा गया और बाद में गिरफ्तार किया गया। खेड़ा कई कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली से रायपुर जाने की तैयारी में थे जहां 24 फरवरी से कांग्रेस का तीन दिवसीय महाधिवेशन आरंभ हो रहा है।
कांग्रेस ने खेड़ा के खिलाफ कार्रवाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ”प्रतिशोध, उत्पीड़न और धमकी” की राजनीति का नया उदाहरण और तानाशाही करार दिया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने उच्चतम न्यायालय से खेड़ा को राहत मिलने पर कहा, ‘‘टाइगर जिंदा है, सुप्रीम कोर्ट जिंदा है।’
गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद ही उच्चतम न्यायालय से खेड़ा को राहत मिल गई। न्यायालय ने उन्हें 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत देने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि दिल्ली में सक्षम मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने पर खेड़ा को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाये।
पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (खेड़ा) जब तक कि सभी प्राथमिकियों के संबंध में न्यायिक अदालतों के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन नहीं करते हैं, हम निर्देश देते हैं कि सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को दिल्ली में सक्षम मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा, ‘‘उपरोक्त आदेश मंगलवार (28 फरवरी) तक प्रभावी रहेगा।’’
न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी तय की।
खेड़ा के खिलाफ प्रधानमंत्री के बारे में उनकी कथित टिप्पणी के लिए असम के हाफलोंग थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 153 बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले बयान देना, लांछन लगाना), 500 (मानहानि) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) शामिल हैं।
दीमा हसाओ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मयंक कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और अन्य मुद्दों पर खेड़ा की टिप्पणियों को लेकर बुधवार को सैमुअल चांगसन नामक व्यक्ति ने हाफलोंग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को अक्टूबर में एक झूलता पुल के टूटने के बाद गुजरात के मोरबी शहर में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बारे में कथित फर्जी समाचार रिपोर्ट का समर्थन करने वाले ट्वीट के लिए दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। गोखले को राजस्थान के जयपुर में हिरासत में लेने के बाद अहमदाबाद ले जाया गया। उन्हें मामले में जमानत मिल गई थी।
खेड़ा को दिल्ली हवाई अड्डे पर विमान से उतारा गया तो कांग्रेस नेता विरोध में धरने पर बैठ गए और बिना गिरफ्तारी वारंट के उन्हें ले जाने पर एतराज जताया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाद में असम पुलिस से लेकर एक दस्तावेज उन्हें सौंपा जिसमें उन्होंने खेड़ा को हिरासत में लेने में मदद मांगी थी।
खेड़ा के विमान से उतरने के बाद पार्टी के कई नेता विमान से उतर गए और वहीं धरने पर बैठ गए। खेड़ा के साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, महासचिव रणदीप सुरजेवाला, तारिक अनवर, अविनाश पांडे, प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और कई नेता धरने पर बैठे। कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
घरेलू हवाई अड्डे के टर्मिनल-एक पर हंगामा बढ़ने पर यात्रियों को उतारकर दूसरी उड़ान से रायपुर रवाना किया गया।
अंतरिम जमानत पाने वाले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि वह न्यायपालिका को सलाम करते हैं और आभारी हैं कि उच्चतम न्यायालय ने उनकी स्वतंत्रता को बरकरार रखा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष संसद में मुद्दे उठाए तो नोटिस दिया जाता है। महाधिवेशन के पहले छतीसगढ़ के हमारे नेताओं पर ईडी का रेड कराया जाता है।आज मीडिया विभाग प्रमुख को जहाज़ से ज़बरदस्ती उतारकर गिरफ़्तार किया गया। भारत के लोकतंत्र को मोदी सरकार ने हिटलरशाही बना दिया।हम इस तानाशाही की घोर निंदा करते हैं।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने खेड़ा को रायपुर जाने वाली उड़ान से नीचे उतारे जाने के बाद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या भारत ‘‘बनाना रिपब्लिक’’ बन गया है। उन्होंने कहा कि खेड़ा को विमान से नीचे उतारा जाना निंदनीय है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई से मोदी सरकार ने कांग्रेस के महाधिवेशन को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने खेड़ा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ”प्रतिशोध, उत्पीड़न और धमकी” की राजनीति का नया उदाहरण बताया।
नवा रायपुर में होने वाले पार्टी के महाधिवेशन से पहले बृहस्पतिवार को रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की सफल भारत जोड़ो यात्रा से चिंतित थी और अब वह पार्टी के महाधिवेशन से डरी हुई है।