मेरे घर पर हमला करने वाले लोग नाथूराम गोडसे की विचारधारा में विश्वास करते हैं:ओवैसी

नई दिल्ली
पत्रकारों से बात करते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि कथित हमले के पीछे जो लोग हैं वे जानते हैं कि उनकी विचारधारा के साथ चलने वाली पार्टी सत्ता में है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के आवास पर रविवार को अज्ञात बदमाशों ने हमला किया था। हमले के एक दिन बाद ओवैसी ने सोमवार को आरोप लगाया कि हमले के पीछे नाथूराम गोडसे की विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोग हैं। ओवैसी ने कहा कि दोषियों की पहचान के लिए सीसीटीवी एनालिसिस करने की जरूरत है। पुलिस ने बताया कि रविवार शाम को कुछ अज्ञात बदमाशों ने कथित तौर पर ओवैसी के आवास पर पथराव किया था, जिससे खिड़कियों को नुकसान पहुंचा था।
पत्रकारों से बात करते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि कथित हमले के पीछे जो लोग हैं वे जानते हैं कि उनकी विचारधारा के साथ चलने वाली पार्टी सत्ता में है। उन्होंने कहा कि जब जुनैद और नसीर को दिनदहाड़े पीटा और जलाया जा सकता है, तो मैं कौन हूं? ये सब करने वालों का हौसला बढ़ रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी पार्टी सत्ता में है। ओवैसी सांसद हो सकते हैं लेकिन वे कट्टरपंथी हैं और सोचते हैं कि वे हिंसा के जरिए अपने एजेंडे को पूरा कर सकते हैं। यह चौथी बार है जब मेरे घर पर हमला हुआ है… वे नाथूराम गोडसे की विचारधारा और हिंसा में विश्वास करने वाले लोग हो सकते हैं। मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि पुलिस मेरे घर पर हमले के बारे में सटीक जानकारी देगी। केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस मामले को देखना चाहिए। मेरे पास सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, सड़कों पर कई कैमरे हैं जिनकी जांच करने की जरूरत है। ओवैसी ने कहा कि घटना के संबंध में लिखित शिकायत दी गई है। बता दें कि यह घटना अशोक रोड इलाके में एआईएमआईएम प्रमुख के दिल्ली आवास पर रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई थी। ओवैसी ने संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में दी गई अपनी शिकायत में पहले आरोप लगाया था कि उपद्रवियों के एक समूह ने उनके आवास पर पथराव किया और खिड़कियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि मैं अपनी वजह से मरने के लिए तैयार हूं। लेकिन देश को सोचना है कि हिंसा करने वाले लोगों से देश कहां तक मजबूत होगा। मैं केंद्र को बताना चाहता हूं कि कोई भी सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के नाम पर मेरे मौलिक अधिकार को खत्म नहीं कर सकती है। संविधान का अनुच्छेद 29 मुसलमानों की धार्मिक संस्कृतियों की रक्षा करता है जो एक मौलिक अधिकार है।