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कॉलेजियम में केंद्र की घुसपैठ-हाल ही में जज बनाई गईं विक्टोरिया गौरी के भड़काऊ बयान सुन दंग रह गया था मैं- बोले दिल्ली HC के पूर्व चीफ जस्टिस

जस्टिस शाह ने कॉलेजियम सिस्टम में पक्षपात का आरोप लगाया है। कहा कि सरकार, सिस्टम में अपने लोगों को घुसा रही है।…..

नई दिल्ली

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने हाल ही में जज बनीं विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति पर टिप्पणी की।

 

कॉलेजियम System: ‘ज्यूडिशियल अपॉइटमेंट एंड रिफॉर्म्स’ विषय पर आयोजित सेमिनार में दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह (Justice Ajit Prakash Shah) ने केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणी की है और कहा है कि सरकार ने कॉलेजियम सिस्टम (Collegium System) में घुसपैठ कर ली है और अपनी विचारधारा के लोगों को नियुक्त करा रहे हैं।

कैंपेन फॉर ज्यूडिशल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) द्वारा आयोजित सेमिनार में जस्टिस शाह ने कहा कि साल 1993 से पहले जजों की नियुक्ति, तबादले और दूसरी तमाम चीजें कार्यपालिका के हाथ में थीं। फिर कॉलेजियम सिस्टम आया। कॉलेजियम सिस्टम में कई खामियां हैं। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि एक डेमोक्रेटिक सेटअप में जज ही जजों की नियुक्ति कर रहे हैं, यह कतई पारदर्शी नहीं है।

लॉ कमीशन के चेरयमैन रहे जस्टिस अजीत प्रकाश शाह (Justice Ajit Prakash Shah) ने कहा कि मैं अपने अनुभव से बता सकता हूं कि सिलेक्शन की जांच के लिए प्रॉपर समय ही नहीं मिलता है। न तो उनके काम की जांच हो पाती है ना दूसरे चीजों की। विक्टोरिया गौरी केस इसका हालिया सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने तमाम हेट स्पीच दिए, मैंने खुद उनके वीडियो देखे और दंग रह गया।

कॉलेजियम में भी पक्षपात

जस्टिस शाह ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम के साथ समस्या यह है कि वहां बहुत ऊंचे स्तर का पक्षपात है और लंबे समय से यही चलता आ रहा है। बस फर्क यह है कि चीजें वही हो रही हैं, बस लोग बदल गए हैं। एक तरीके से कह सकते हैं कॉलेजियम सिस्टम में जो लोग हैं वह अपने ही तरह के और लोगों को नियुक्त कर रहे हैं।

केंद्र की कॉलजियम में घुसपैठ

जस्टिस शाह ने कहा कि इस सरकार ने कॉलेजियम सिस्टम (Collegium System) में घुसपैठ कर ली है। मैं इस बात से कतई असहमत हूं कि कानून मंत्री को कॉलेजियम डिस्कशन का हिस्सा होना चाहिए। जिस तरीके से आज चीजें हो रही हैं, अगर ऐसा हुआ तो यह बहुत खतरनाक होगा। जस्टिस शाह ने कहा कि अब केंद्र सरकार की तरफ से जो नाम आ रहे हैं वे न सिर्फ कुछ खास लोगों के पक्ष में हैं, बल्कि ऐसे लोगों के हैं जो उनकी विचारधारा के करीब है।

जो केंद्र के पक्ष में फैसला दे रहे, उन्हें मिल रहा ईनाम

जस्टिस अजीत प्रकाश शाह (Justice Ajit Prakash Shah) ने कहा कि सीधा-सीधा मतलब यह है कि जो लोग उनके (केंद्र सरकार के) पक्ष में फैसला दे रहे हैं, उन्हें सम्मानित किया जा रहा है। इसका असर यह हुआ है कि तमाम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डरने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि उन्हें नए सिस्टम की आवश्यकता ही नहीं है और जो सिस्टम है उससे खुश है। क्योंकि मौजूदा सिस्टम को प्रभावित करते हैं।

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