दिल्ली

अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व CJI ने कॉलेजियम सिस्टम का किया बचाव, कहा- किसी बदलाव की जरूरत नहीं

नई दिल्ली

Collegium System: केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कॉलेजियम सिस्टम में सरकार के प्रतिनिधित्व की बात कही थी।

न्यायिक नियुक्तियों (Judicial Appointments) को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) और न्यायपालिका (Judicial) के बीच तनाव के संकेत अब भी आने जारी हैं। केंद्र सरकार के कई प्रतिनिधि कॉलेजियम सिस्टम (Collegium System) की आलोचना कर चुके हैं। वहीं न्यायपालिका से जुड़े कई लोग कॉलेजियम के बचाव में तर्क दे चुके हैं। ताजा बयान भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित (Uday Umesh Lalit) की तरफ से आया है। उन्होंने स्पष्ट शब्द में कहा है कि कॉलेजियम सिस्टम में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है।

समय की कमी की वजह से पूर्व मुख्य न्यायाधीश कारणों को विस्तार से नहीं बता पाए। पूर्व सीजेआई की टिप्पणी को कॉलेजियम सिस्टम को लेकर जारी सार्वजनिक बहस के संदर्भ में प्रासंगिक मानी जा रही है। विशेष रूप से केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने जिस तरह कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना में लगभग मोर्चा खोल दिया है, उस संदर्भ में पूर्व सीजेआई की टिप्पणी मायने रखती है।

कानून मंत्री ने प्रतिनिधित्व की कही थी बात

भारत के कानून मंत्री किरन रिजिजू ने साल की शुरुआत में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर कॉलेजियम में केंद्र सरकार के प्रतिनिधित्व की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के संबंध में उन्होंने लिखा था, जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में सरकारी प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहिए।

राज्यसभा में बोले किरन रिजिजू

गुरुवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान DMK नेता तिरुचि शिवा ने पूछा कि क्या सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति में आरक्षण नीति लाने की संभावना पर विचार करेगी? इस सवाल के जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि मौजूदा नीति और प्रावधान के अनुसार भारतीय न्यायपालिका में कोई आरक्षण नहीं है। लेकिन न्यायाधीशों, विशेष रूप से कॉलेजियम सदस्यों को न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सिफारिश करते समय उन वर्गों, जैसे- पिछड़े समुदायों, महिलाओं और अन्य श्रेणियों का ध्यान रखना चाहिए, जिनका प्रतिनिधित्व न्यायापालिका में कम है।

राज्यसभा में कानून मंत्री से यह भी पूछा गया कि क्या सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में कोई विधेयक लाने की योजना बना रही है? इसक सवाल के लिखित जवाब में रिजिजू ने जवाब दिया कि सरकार इस तरह का कोई बिल नहीं ला रही है।

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