बड़े पर्दे पर दिखेगी शकुंतला-दुष्यंत की प्रेम कहानी, Samantha Ruth Prabhu और Dev Mohan की फिल्म का ट्रेलर आउट

Shaakuntalam Trailer: शकुंतला और दुष्यंत की कहानी अब बड़े पर्दे पर दिखाई देगी, जिसमें शकुंतला का रोल सामंथा रुथ प्रभु ने निभाया है।
नई दिल्ली
Shaakuntalam Trailer Out: शकुंतला-दुष्यंत की कहानी आपने जरूर पढ़ी और सुनी होगी, टीवी पर भी आपने ये प्रेम कहानी देखी होगी। अब शकुंतला और दुष्यंत की प्रेम कहानी आप बड़े पर्दे पर देख सकते हैं, सामंथा रुथ प्रभु फिल्म ‘शाकुन्तलम’ में शकुंतला का रोल प्ले कर रही हैं, फिल्म बड़े पर्दे पर 17 फरवरी को रिलीज होगी। फिल्म में दुष्यंत का रोल एक्टर देव मोहन ने निभाया है।
इस फिल्म में प्रकाश राज, मधुबाला, गौतमी, अल्लू अरहा, सचिन खेड़ेकर, कबीर बेदी, डॉ. मोहन बाबू,अदिति बालन, अनन्या नागल्ला, जिशु सेनगुप्ता भी काफी अहम किरदार निभाते नजर आएंगे।
यहां देखिए ट्रेलर
कौन थीं शकुंतला?
शकुंतला और दुष्यंत की कहानी महाभारत के आदिपर्व चैप्टर में है। मशहूर कवि कालिदास ने इसी चैप्टर पर अभिज्ञान शाकुंतलम लिखा जो काफी मशहूर हुआ था। पौराणिक कथाओं के मुताबिक ऋषि विश्वामित्र और अप्सरा मेनका की पुत्री हुईं तो उनका नाम शकुंतला रखा गया। मेनका शकुंतला को जन्म देकर स्वर्ग लौट गई थीं, ऋषि कण्व ने शकुंतला को पाल-पोसकर बड़ा किया था।
कैसे शुरू हुई थी दुष्यंत-शकुंतला की प्रेम कहानी?
एक बार राजा दुष्यंत जंगल में शिकार के लिए निकले थे, जब वो ऋषि कण्व के आश्रम के पास पहुंचे तो उन्होंने शकुंतला को देखा, उसका सौंदर्य देखकर राजा मोहित हो गए और उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया। शकुंतला ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, उस वक्त ऋषि कण्व कहीं दूर यात्रा पर गए थे। दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया। मगर ऋषि कण्व वहां नहीं थे इसलिए वो राजा के साथ नहीं गईं। शकुंतला को दुष्यंत ने वादा दिया कि ऋषि कण्व के आते ही वो उसे ले जाएंगे। शकुंतला गर्भवती हो गई और दिन-रात दुष्यंत के ख्यालों में खोई रहती थी।
ऋषि दुर्वासा ने दिया था शकुंतला को श्राप
ऋषि दुर्वासा अपने क्रोधित स्वभाव की वजह से जाने जाते हैं। एक बार ऋषि कण्व कुटिया में नहीं थे और ऋषि दुर्वासा वहां पहुंचे। शकुंतला राजा दुष्यंत के ख्यालों में खोई थीं और ऋषि दुर्वासा के कई बार बुलाने पर भी उनकी आवाज नहीं सुनी। दुर्वासा ऋषि को क्रोध आ गया और उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के ख्यालों में खोकर तूने मुझे अनसुना किया है वो व्यक्ति तुझे भूल जाएगा। इसी श्राप के प्रभाव से दुष्यंत, शकुंतला को भूल जाते हैं और उसे लेने नहीं आते हैं। गर्भवती शकुंतला खुद हस्तिनापुर पहुंचती है और वहां उनसे बताती है कि वो उनके बच्चे की मां बनने वाली है मगर दुष्यंत उन्हें नहीं पहचानते हैं और शकुंतला को निकाल देते हैं।
शकुंतला वापस जाती है और जंगल में कुटिया बनाकर रहने लगती है वहां एक तेजस्वी पुत्र को वो जन्म देती है। उसका नाम भरत रखती है। उधर राजा को शकुंतला की अंगूठी मिलती है और उसे सब कुछ याद आ जाता है, वो शकुंतला को ढूंढ़ता है मगर वो उसे नहीं मिलती। एक दिन राजा देखता है कि एक तेजस्वी बालक शेर के दांत गिन रहा है, वो बालक को देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है और वो उसे गोद में उठाता है, तभी शकुंतला वहां आ जाती है और राजा को बताती है कि ये उन्हीं का पुत्र है। राजा बहुत खुश होते हैं और अपनी पत्नी और बेटे को लेकर राजमहल लौटते हैं और साथ रहने लगते हैं। बाद में भरत के नाम पर ही इस देश का नाम भारत पड़ता है।