कहानी एक कुख्यात सेक्स रैकेट क्वीन की जिसने गैरकानूनी धंधों से खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य

देह व्यापार से जुड़े मामले पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा था कि उसे “एक सभ्य समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है।”
गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन को 24 साल की सजा सुनाई गई थी।
नई दिल्ली
साधारण परिवार से निकली एक लड़की जिसने 10वीं के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया था, लेकिन अंग्रेजी ऐसी फर्राटेदार कि लोग शरमा जाएं। इस लड़की के शौक इतने बड़े थे कि देह व्यापार से जुड़ गई और देखते ही देखते ऐसा नेटवर्क बनाया कि सेक्स रैकेट की क्वीन कहलाने लगी। इस लड़की का नाम था गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन।
पिता थे ऑटो ड्राइवर: मूल रूप से हरियाणा के रोहतक की निवासी गीता का जन्म दिल्ली की गीता कॉलोनी में साल 1981 में हुआ। बहुत ही साधारण परिवार से जुड़ी गीता अरोड़ा के पिता जीवनयापन के लिए ऑटो चलाते थे। लेकिन बचपन से ही चकाचौंध भरे जीवन की चाह वाली गीता ने 10वीं तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल छोड़ दिया। फिर वह ब्यूटी पार्लर चलाने लगी।
जिससे भी शादी की वह मारा गया: शुरुआत से ही छोटे-मोटे अपराधों को अंजाम देने वाली गीता ने रोहतक के नामी गैंगस्टर विजय सिंह से शादी कर ली। लेकिन साल 1998 में एसटीएफ ने विजय सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया। विजय के साथ रहे कुछ दिन में ही उसने कई बड़े बदमाशों से संपर्क बना लिया था। इसके बाद वह नजफगढ के वाहन चोर दीपक से मिली और शादी कर ली, लेकिन 2003 में दीपक को असम पुलिस ने मार गिराया। यह वही साल था जब गीता ने कॉल गर्ल का काम शुरू किया था। इसी दौरान उसकी नजदीकी दीपक के भाई हेमंत सोनू से बढ़ी तो उससे भी शादी रचा ली। लेकिन 2006 में हेमंत भी पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया।
गीता अरोड़ा ऐसे बनी सोनू पंजाबन: साल 2006 में जब हेमंत सोनू की मौत हो गई तो गीता ने हेमंत का सोनू नाम अपने आगे लगा लिया। इसके बाद उसने खुद को सोनू पंजाबन के रूप में स्थापित किया और हेमंत के गुर्गों के मदद से एक सेक्स रैकेट का नेटवर्क तैयार किया। इस नेटवर्क में उसने दलाल बनाए और देह व्यापार के गैरकानूनी काम को बड़े स्तर पर ले गई। इसी के चलते उसे साल 2007 और 2008 में क्रमशः प्रीत विहार और साकेत पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था लेकिन वह जमानत पर बाहर आ गई।
सोनू पर लगा मकोका पर बरी हो गई: साल 2011 में सोनू को फिर से जिस्मफरोशी के धंधे से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया। साथ ही इस बार उस पर मकोका यानी (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट 1999) लगाया गया। हालांकि, पुलिस यह साबित नहीं कर पाई कि वह देह व्यापार के संगठित तंत्र को चला रही थी। लेकिन सोनू ने इसी काम के चलते दिल्ली-हरियाणा में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी थी।
एक केस और सोनू जेल के अंदर: एक लड़की ने सोनू और उसके साथ संदीप पर अपहरण, रेप व जबरन देह व्यापार में धकेलने सहित कई आरोप लगाए थे। लड़की ने बताया था कि जब वह 12 साल की थी तो संदीप ने शादी का झांसा देकर रेप किया और फिर 10 अलग-अलग लोगों को बेचा। इसके बाद जब वह सोनू के पास आई तो उसने लड़की को देह व्यापार में उतार दिया और कई तरह की प्रताड़ना दी। जब किसी तरह वह बचकर निकली तो उसने सोनू और संदीप के खिलाफ केस दर्ज किया।
इसी मामले में दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने सोनू पंजाबन और साथी संदीप को दोषी माना था और आदेश में कहा था कि एक महिला होने के बाद भी सोनू पंजाबन ने नैतिकता की सारी हदें पार कर दी। ऐसे में इनकी सही जगह जेल की काल कोठरी ही है। बता दें कि यह पहला मामला था जिसमें सोनू पंजाबन को दोषी पाया गया था और उसे 24 साल की सजा सुनाई गई थी।