दिल्ली

कांग्रेस का बड़ा बयान, कहा- फाइजर वैक्सीन पर राजीव चंद्रशेखर ने परोसा झूठ

कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर पर बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि पिछले दिनों चंद्रशेखर ने विदेशी कोविड वैक्सीन फाइजर को लेकर टीकों लेकर झूठ बोला था। उन्होंने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था और दुष्प्रचार फैलाने की कोशिश की थी। इसके लिए वो माफी मांगे नहीं को कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने पिछले दिनों कहा था कि कांग्रेस ने कोरोना महामारी फैलने के बाद फाइजर वैक्सीन के लिए दबाव बनाया था।

कांग्रेस ने चंद्रशेखर के दुष्प्रचार के खिलाफ ट्विटर को पत्र लिखकर पार्टी नेताओं को दोष देने वाले उनके ट्वीट हटाने का आग्रह किया और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने ट्विटर को पत्र लिखकर चंद्रशेखर पर ‘दुष्प्रचार’ करने का आरोप लगाया है। श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख के रूप में, यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि इस तरह की झूठी और दुर्भावनापूर्ण बात फैलाने की अनुमति देने के लिए किसी भी सोशल मीडिया मंच का उपयोग एक उपकरण के रूप में नहीं जाना चाहिए।

चंद्रशेखर ने फैलाया था झूठ- जयराम रमेश

वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि चंद्रशेखर का यह बयान कि विपक्षी दल के नेताओं ने कुछ विदेशी टीकों को अपनी मंजूरी देने में सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, पूरी तरह से झूठ है। उन्होंने मंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘हम समझ सकते हैं कि दुष्प्रचार करने के लिए आप इस तरह के विकृत और दुर्भावनापूर्ण बयान देने के लिए क्यों मजबूर हुए होंगे।’

उन्होंने कहा, ‘हम आपसे माफी मांगने, अपनी बात स्पष्ट करने और तुरंत ट्वीट को हटाने की अपील करते हैं, अन्यथा हम कानूनी कार्रवाई करने के लिए विवश होंगे। आपके कृत्य अस्वीकार्य हैं और आपको झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’

चंद्रशेखर ने क्या कहा था?

बता दें कि चंद्रशेखर ने फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एल्बर्ट बोरला की दावोस में एक पत्रकार के साथ बातचीत का एक वीडियो टैग करते हुए ट्वीट किया था कि दवा कंपनी ने क्षतिपूर्ति की शर्तों को स्वीकार करने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि राहुल, चिदंबरम और जयराम रमेश तीनों ने कोरोना के दौरान इस विदेशी वैक्सीन का सपोर्ट किया था लेकिन वह पूरी तरह से फेल हो गई।

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