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गोपालगंज पुलिस की इस हरकत ने बताया कि कितने अमानवीय हो गए हम! जानें पूरा मामला

 मांझागढ़ थाना क्षेत्र के भड़कुईया गांव के समीप एनएच-27 पर अज्ञात वाहन की टक्कर से 40 वर्षीय एक शख्स की मौत हो गई थी. सोमवार की देर रात हुई मौत के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो सड़क पर कई टुकडों में शव बंटा हुआ था. पुलिस ने दुर्घटना के बाद बिखरे हुए शव को इक्कठा कर प्लास्टिक के बोरे में बंद कर सदर अस्पताल भेज दिया.

ई-रिक्शा पर बोरे में लाश लेकर सदर अस्पताल पहुंची गोपालगंज पुलिस

गोपालगंज.

एक बार फिर पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. सड़क हादसे में एक शख्स की मौत के बाद बोरियों में डेड बॉडी को बंद कर ई-रिक्शा पर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया. जिस बोरे में कई टुकड़ें में बंटे शव को रखा गया था, उसमें से खून गिर रहा था. मृतक की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन जिस तरह से लावारिस शव के साथ और अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. उससे पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. बोरे में शव को पोस्टमार्टम कराने के लाई पुलिस को जवाब देते हुए नहीं बन रहा था.

अस्पताल प्रशासन ने खुले तौर पर एक्सीडेंटल बॉडी लेकर आने पर संक्रमण फैलने का खतरा बताया. वहीं, पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. अब सवाल है कि दुर्घटना में लावारिस व्यक्ति की मौत हुई तो पुलिस ने शव वाहन का प्रयोग क्यों नहीं किया. क्या लावारिस शवों के साथ पुलिस ऐसे ही सलूक करती है.

सड़क पर कई टुकड़ों में बंटा था शव, जानिए कैसे हुआ हादसा
मांझागढ़ थाना क्षेत्र के भड़कुईया गांव के समीप एनएच-27 पर अज्ञात वाहन की टक्कर से 40 वर्षीय एक शख्स की मौत हो गई थी. सोमवार की देर रात हुई मौत के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो सड़क पर कई टुकडों में शव बंटा हुआ था. पुलिस ने दुर्घटना के बाद बिखरे हुए शव को इक्कठा कर प्लास्टिक के बोरे में बंद कर सदर अस्पताल भेज दिया.

 

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