दिल्ली

SC Collegium: सात जजों का तबादला, गुजरात हाई कोर्ट के जिस जज के ट्रांसफर का वकीलों ने किया विरोध, उनका नाम नहीं

कॉलेजियम ने जिन जजों के तबादले का आदेश जारी किया उनमें गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस निखिल एस का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है।

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक अहम घटनाक्रम में सात जजों के तबादले का आदेश जारी किया। खास बात है कि गुजरात हाईकोर्ट के जिस जस्टिस के नाम पर बार ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर विरोध जताया था। उसका नाम लिस्ट में नहीं है। हाईकोर्ट की बार ने इस मसले पर सीजेआई से भी मुलाकात की थी। कानून मंत्री किरेन रिजिजु भी इस मामले पर खासे मुखऱ दिखे थे।

कॉलेजियम ने जिन जजों के तबादले का आदेश जारी किया उनमें जस्टिस वीएम वेलुमनि को मद्रास हाईकोर्ट से कलकत्ता, जस्टिस बाट्टू देवानंद को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से मद्रास, जस्टिस डी रमेश को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से इलाहाबाद, जस्टिस ललिथा के को तेलंगाना हाईकोर्ट से कर्नाटक, जस्टिस डी नागार्जुन को तेलंगाना हाईकोर्ट से मद्रास, जस्टिस टी राजा को मद्रास हाईकोर्ट से राजस्थान, जस्टिस अभिषेक रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट से पटना हाईकोर्ट भेजा गया है।

गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस निखिल एस का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है। हालांकि आधिकारिक तौर पर पहले भी निखिल के तबादले का आदेशसुप्रीम कोर्ट से जारी नहीं हुआ था। लेकिन ये बात चर्चा में आई तोगुजरात हाईकोर्ट में बवाल मच गया। बार ने हड़ताल का ऐलान किया तो सभी सकते में आ गए। उसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से बार का एक प्रतिनिधि मंडल जाकर मिला भी।

पहली लिस्ट कॉलेजियमन ने 17 नवंबर को तैयार की थी। तभी निखिल के तबादले की सिफारिश सरकार से की गई। हालांकि तेलंगाना और मद्रास हाईकोर्ट की बार ने भी अपने दो जजों के तबादले का विरोध किया था। लेकिन कॉलेजियम की नई लिस्ट में दोनों का नाम है। लेकिन गुजरात के मामले में कॉलेजियम ने पुराने फैसले से कदम पीछे खींच लिए।

ध्यान रहे कि निखिल कारियल के तबादले के खिलाफ वकीलों ने काम करना बंद कर दिया था। वो हड़ताल पर चले गए। इसके बाद सीजेआई ने उनको मिलने का समय दिया था। एडवोकेट एसोसिएशन के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सीजेआई से मुलाकात की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक सीजेआई ने कहा था कि मांग सही है लेकिन वकीलों को हड़ताल पर नहीं जाना

 

 

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