धर्म

भौम प्रदोष व्रत? जानें शिव पूजा मुहूर्त और महत्व

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा प्रदोष मुहूर्त में करते हैं. आइए जानते हैं फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष के प्रदोष व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat) एवं महत्व (Importance) के बारे में.

हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है.

फाल्गुन माह का शुक्ल पक्ष चल रहा है. मार्च का पहला प्रदोष व्रत आने वाला है. इस बार का प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन है, इस वजह से यह भौम प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा प्रदोष मुहूर्त में करते हैं. उनकी भांग, बेलपत्र, धतूरा, मदार पुष्प, गंगाजल, दूध आदि से विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं. हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस प्रकार हर माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं. आइए जानते हैं फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष के प्रदोष व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat) एवं महत्व (Importance) के बारे में.

प्रदोष व्रत 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 15 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 16 मार्च बुधवार को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक है. प्रदोष शिव पूजा का मुहूर्त 15 मार्च को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए प्रदोष व्रत 15 मार्च को रखा जाएगा.

प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
इस बार का प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत है. इस दिन शिव पूजा के लिए प्रदोष मुहूर्त शाम को 06 बजकर 29 मिनट से रात 08 बजकर 53 मिनट तक है. भौम प्रदोष की शिव पूजा के लिए आपको 02 घंटे 24 मिनट का समय प्राप्त होगा.

प्रदोष पूजा मुहूर्त के अलावा आप दिन में भी शिव जी की पूजा कर सकते हैं. इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक है. प्रदोष व्रत के दिन सुकर्मा योग बन रहा है, जिसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन सुबह से ही सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी है. हालांकि इस दिन होलाष्टक लगा रहेगा, तो उस समय में कोई मांगलिक कार्य न करें.

भौम प्रदोष व्रत का महत्व
भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है. शिव कृपा से रोग और दोष दूर होते हैं. असाध्य रोगों से छुटकारा पाने के लिए आप यह प्रदोष व्रत कर सकते हैं, आपको इससे लाभ मिल सकता है. हालांकि प्रदोष व्रत करने से सुख, समृद्धि, धन, धान्य, संतान आदि की भी प्राप्ति होती है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. CRIME CAP NEWS इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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