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“निशाना बनाए जाने के डर से जज नहीं दे रहे जमानत, इसलिए…” : CJI डी वाई चंद्रचूड़

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि जमीनी स्तर पर न्यायाधीश जमानत देने के लिए अनिच्छुक हैं, इसलिए नहीं कि वे अपराध को नहीं समझते हैं.” लेकिन जघन्य मामलों में जमानत देने के लिए निशाना बनाए जाने का डर रहता है.”

नई दिल्ली: 

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि जमीनी स्तर पर न्यायाधीश निशाना बनाए जाने के डर से जमानत देने से हिचकते हैं. बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह में, सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “जमानत देने के लिए जमीनी स्तर पर अनिच्छा के कारण उच्च न्यायपालिका जमानत आवेदनों से भर गई है. जमीनी स्तर पर न्यायाधीश जमानत देने के लिए अनिच्छुक हैं, इसलिए नहीं कि वे अपराध को नहीं समझते हैं.” लेकिन जघन्य मामलों में जमानत देने के लिए निशाना बनाए जाने का डर रहता है.”

इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे. उन्होंने तबादलों को लेकर कई वकीलों के सीजेआई से मिलने पर चिंता जताई. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैंने सुना है कि कुछ वकील ट्रांसफर केस के संबंध में CJI से मिलना चाहते हैं. यह एक व्यक्तिगत मुद्दा हो सकता है, लेकिन अगर यह कॉलेजियम द्वारा हर निर्णय के लिए एक आवर्ती उदाहरण बन जाता है, जिसे सरकार का समर्थन प्राप्त है, तो यह कहां तक ले जाएगा?” पूरा आयाम बदल जाएगा,”

CJI चंद्रचूड़ 9 नवंबर को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने. उनका कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक होगा. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित का स्थान लिया, जो 9 नवंबर को अपने पद से रिटायर हुए.

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