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गुजरात में फिर चलेगा पीएम मोदी का जादू या AAP की होगी दमदार एंट्री, किसके वादों में कितना दम?

गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए अब महज कुछ दिन शेष रह गए हैं। तो सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी ताकत झौंक दी है

गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए अब महज कुछ दिन शेष रह गए हैं। तो सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी ताकत झौंक दी है। भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने इन दिनों गुजरात में डेरा डाले हुए हैं और जनता पर चुनावी वादों के जरिए डोरे डाल रहे हैं।

केजरीवाल का फ्री बिजली, मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य पर दांव
इस साल पंजाब में धमाकेदार जीत के बाद उत्साहित आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित प्रदेश गुजरात में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात का दौरा कर गुजरात की जनता को 10 गारंटी दी हैं। उन्होंने जनता को पंजाब, दिल्ली की तर्ज पर फ्री बिजली, मुफ्स स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा समेत कई अन्य गारंटियां दी हैं। केजरवील का दावा है कि पंजाब की तरह गुजरात में भी आम आदमी पार्टी की एकतरफा आंधी चल रही है और भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए जनता चुनाव लड़ रही है। इतना ही नहीं उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी चुनाव में उतार दिया है।

कांग्रेस करेगी खेल?
27 साल से लगातार गुजरात की सत्ता से बाहर कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है। पिछले 6 चुनावों में कांग्रेस को पराजय का मुंह देखना पड़ा है। इस बार कांग्रेस के लिए डबल चुनौती है। कांग्रेस इस चुनाव में दिग्गज नेता और गुजरात की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल के बिना चुनाव मैदान में हैं। अहमद पटेल गुजरात की राजनीति के साथ ही दिल्ली में भी अपनी मजबूत पकड़ रखते थे। अहमद पटेल की रणनीति और कांग्रेस का एजेंडे से पिछली बार पार्टी ने गुजरात में भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से 77 सीटों पर जीत हासिल की थी और भाजपा को 99 सीटें ही मिली थीं लेकिन इस बार अहमद पटेल नहीं हैं और राहुल गांधी ने भी अभी चुनाव प्रचार से दूरी बनाई हुई है। लेकिन कांग्रेस के नेता इस बार जनता के बीच जा रहे हैं। घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जिसका जिक्र पीएम मोदी ने भी चुनाव की घोषणा से पहले एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कहा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इस बार अलग ढंग से चुनाव लड़ रही है। इसपर कार्यकर्ताओं को नजर रखने की जरूरत है।

27 साल बाद कितनी आसान है भाजपा के लिए सस्ता में वापसी?
भारतीय जनता पार्टी अपने 27 साल के शासन के दौरान किए गए विकास कार्य और गुजरात के बड़ा प्रधान यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव मैदान में है। चुनाव की पूरी रणनीति गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल रखी है। अमित शाह नेताओं के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। 27 साल की एंटीइनकमबेंसी को दूर करने के लिए पिछले साल भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को बर्खास्त कर दिया था और भूपेंद्रभाई पटेल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के महीनों में एक के बाद एक गुजरात के कई दौरे किए हैं और जनता को हजारों करोड़ रुपए की सौगात देकर फिर से भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया है। भाजपा भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है और एक रिकॉर्ड बनाने बनाना चाहती है।

गुजरात में दो चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने हैं। पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को वोटिंग होगी। दूसरे चरण के लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को सामने आएंगे।

 

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