कब है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी? जानें पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय समय

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2022: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. जानते हैं पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय समय के बारे में.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत सभी प्रकार के संकटों को दूर करता है
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करते हैं. दिनभर व्रत रखा जाता है और रात के समय में चंद्र देव की पूजा करते हैं और उनको अर्घ्य अर्पित करके पारण करते हैं. इसके साथ ही यह व्रत पूर्ण होता है. इस व्रत में चंद्रमा की पूजा महत्वपूर्ण है, इसके बिना व्रत पूरा नहीं होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय समय के बारे में.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2022
पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 11 नवंबर दिन शुक्रवार को रात 10 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि 12 नवंबर दिन शनिवार को रात 08 बजकर 17 मिनट तक मान्य है. उदया तिथि के अनुसार गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त
12 नवंबर को चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 02 मिनट से सुबह 09 बजकर 23 मिनट तक है, यह शुभ उत्तम मुहूर्त है. इसके अलावा दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से शाम 04 बजकर 08 मिनट तक भी शुभ मुहूर्त है. इस दिन राहुकाल सुबह 09 बजकर 23 मिनट से 10 बजकर 44 मिनट तक है.
सिद्ध योग में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी सिद्ध योग में है. सिद्ध योग सुबह से लेकर रात 10 बजकर 04 मिनट तक है. उसके बाद से साध्य योग शुरू हो जाएगा. सिद्ध योग में किए गए कार्य सफल होते हैं. ऐसे में आप सुबह मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करें, आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और सभी संकट दूर होंगे.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय
चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रमा के उदय का समय रात 08 बजकर 21 मिनट तक है. जो लोग व्रत रहेंगे, वे इस समय में चंद्रमा को अर्घ्य देंगे और पूजा करेंगे. इसके बाद पारण करके व्रत को पूरा करेंगे.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत सभी प्रकार के संकटों को दूर करता है. इस व्रत को करने वाले गणेश जी की कृपा प्राप्त करते हैं, जिससे उनके सभी कार्य सफल होते हैं और जीवन में शुभता बढ़ती है.