राम सेतु=मोदी सरकार ने नवंबर तक मेरी मांग नहीं मानी तो भुगतने होंगे गंभीर राजनीतिक परिणाम:सुब्रमण्यम स्वामी

रामसेतु को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र की मोदी सरकार को सख्त चेतावनी दी है।
नई दिल्ली
भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार (29 अक्टूबर, 2022) को एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी दी है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मोदी सरकार ने नवंबर तक मेरी मांग नहीं मानी तो राजनीतिक गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अगले महीने यानी नवंबर में सुप्रीम कोर्ट राम सेतु कोराष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के लिए मेरी लंबे समय से लंबित रिट याचिका पर सुनवाई करेगा। उन्होंने कहा कि अगर तब तक मोदी सरकार ऐसा नहीं करती है तो इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम होंगे। बता दें, भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर याचिका में न्यायालय से केंद्र सरकार को ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। राम सेतु, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पंबन द्वीप और मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर की बनी एक श्रृंखला है।
स्वामी के अनुसार, संबंधित केंद्रीय मंत्री ने इस मांग पर विचार करने के लिए 2017 में एक बैठक बुलाई थी, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। सुब्रमण्यम स्वामी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था।
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार राम सेतु को लेकर अपनी राय स्पष्ट कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और राम सेतु को लेकर कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं होगा। परियोजना के लिए केंद्र सरकार कोई दूसरा रास्ता तलाश करेगी।