क्राइम

‘इस नफरत भरी दुनिया में अब और नहीं जी सकता’; पढ़ें 10वीं के छात्र का सुसाइड नोट

 फरीदाबाद में स्कूल से परेशान होकर 10वीं के छात्र ने 15 मंजिली इमारत से कूदकर जान दे दी. उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने लिखा, ”प्रिय मम्मा, आप दुनिया की सबसे अच्छी मां हो। मुझे खेद है कि मैं बहादुर नहीं बन सका. इस स्कूल ने मुझे मार डाला है. मैं इस नफरत भरी दुनिया में नहीं रह सकता. मैंने जीने की पूरी कोशिश की, लेकिन लगता है कि जिंदगी को कुछ और चाहिए. लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं, इस पर विश्वास न करें. आप सबसे अच्छी हो. ”

 ग्रेटर फरीदाबाद में स्कूल में छात्रों की प्रताड़ना से तंग आकर 10वीं के छात्र ने 15 मंजिली इमारत से छलांग

फरीदाबाद.

ग्रेटर फरीदाबाद स्थित डिस्कवरी सोसायटी की 15वीं मंजिल से गुरुवार की रात को छलांग लगाकर 10वीं के छात्र ने आत्महत्या कर ली. छात्र ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने स्कूल प्रबंधन पर परेशान करने के आरोप लगाते हुए अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है.

फरीदाबाद पुलिस पीआरओ सुबे सिंह ने बताया कि 24 फरवरी को 15 मंजिली इमारत से कूदकर 10वीं कक्षा के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है और एक सुसाइड नोट छोड़ा है. इस मामले में मां शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है. बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले छात्रों के खिलाफ मृतक की मां की शिकायत के बाद कार्रवाई हो रही है.

मृतक लड़के की मां आरती मल्होत्रा ने बताया, “स्कूल में बेटे को प्रताड़ित करने वाले छात्रों के संबंध में मैंने संबंधित शिक्षकों को सब कुछ बताया. प्रिंसिपल को छात्रों (मृतक को परेशान करने वाले) के नाम दिए. अधिकारियों ने हमें कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया और स्कूल ने मेरे बेटे को उसके डिसआर्डर का अनुचित लाभ उठाने का दोष देना शुरू कर दिया.”

शिकायत करने पर स्कूल के शिक्षकों ने मुझे भी प्रताड़ित किया: मृतक की मां

मां आरती ने बताया कि मेरे बेटे को इंसाफ मिलना चाहिए. वरिष्ठ अधिकारियों और डीपीएस प्रबंधन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे सिर्फ पैसे कमाने के लिए बिना बैकग्राउंड चेक के छात्रों को प्रवेश दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि ”शिकायत करने पर स्कूल के शिक्षकों ने मुझे भी प्रताड़ित किया. मुझे स्कूल ने खुलेआम धमकी दी थी कि वे मेरे बेटे को अगले साल से स्कूल में नहीं रखेंगे.”

स्कूल में प्रताड़ना से डिप्रेशन में था छात्र, दिल्ली में चल रहा था इलाज

अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मृतक छात्र 16 वर्षीय उदय (बदला हुआ नाम) डिस्कवरी सोसायटी में अपनी मां के साथ रहता था. वह डीपीएस ग्रेटर फरीदाबाद का छात्र था। उसकी मां इसी स्कूल में ललित कला की अध्यापिका है। मां ने शिकायत में कहा कि स्कूल के लड़के उनके बेटे को गे बुलाते थे. उनके बेटे को कई साल से परेशान किया जा रहा था. इस बारे में उन्होने स्कूल प्रबंधन को ईमेल से शिकायत दी थी. आरोप है प्रबंधन ने इस पर कार्रवाई नहीं की. मौखिक रूप से भी उन्होंने कई बार प्रबंधन से इस बारे में बात की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. लगातार प्रताड़ना से गौरव डिप्रेशन में आ गया. दिल्ली से उसका इलाज चल रहा था.

दो दिन पहले की डांट के बाद उठाया कदम

गौरव की मां का कहना है कि 23 फरवरी को उसकी विज्ञान की परीक्षा थी। उसने सवाल समझने के लिए हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता से मदद मांगी. आरोप है ममता गुप्ता ने उसे डांटा और कहा कि वह बीमारी का फायदा उठा रहा है. आरोप है कि ममता ने गौरव और उसकी मां को काफी भला बुरा कहा, गौरव यह देख रोने लगा. छात्र डिस्लेक्सिया का मरीज था. वह इतना घबरा गया कि अगले दिन स्कूल भी नहीं जाना चाहता था, लेकिन मां के काफी समझाने के बाद मान गया.

सुसाइड नोट में हेड मिस्ट्रेस को भी ठहराया जिम्मेदार

घर से मिले सुसाइड नोट में गौरव ने लिखा है स्कूल प्रबंधन ने उसे मार दिया. उसने हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता व अन्य को इसका जिम्मेदार बताया है. थाना बीपीटीपी प्रभारी अर्जुन देव ने बताया कि मृतक की मां की शिकायत व सुसाइड नोट के आधार पर ममता गुप्ता, स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. सुसाइट नोट को फारेंसिक जांच के लिए भिजवाया जाएगा.

मां तुम सबसे अच्छी हो, पर मैं बहादुर नहीं बन सका: सुसाइड नोट में मृतक छात्र

प्रिय मम्मा, आप दुनिया की सबसे अच्छी मां हो। मुझे खेद है कि मैं बहादुर नहीं बन सका. इस स्कूल ने मुझे मार डाला है. मैं इस नफरत भरी दुनिया में नहीं रह सकता. मैंने जीने की पूरी कोशिश की, लेकिन लगता है कि जिंदगी को कुछ और चाहिए. लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं, इस पर विश्वास न करें. आप सबसे अच्छी हो. परिवार को मेरी शारीरिक मनोदशा और मेरे साथ जो हुआ उसके बारे में बताना. कौन क्या कहते हैं परवाह मत करो. अगर मैं मर जाऊं तो अपने लिए एक नई नौकरी ढूंढ़ लेना. आप कलाकर हो इसे जारी रखना. आप फरिश्ता हैं, आपको इस जन्म में पाकर मैं धन्य हूं. मैं मजबूत नहीं हूं, मैं कमजोर हूं , मुझे खेद है…

गे बुलाते थे साथी, कई बार शिकायत की पर स्कूल प्रबंधन करता रहा अनसुना

गौरव की मां ने शिकायत में कहा, स्कूल में कुछ साथी बेटे को गे बुलाते थे. इस बारे में स्कूल प्रबंधन को शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. मौखिक रूप से भी उन्होंने कई बार इस बारे में बात की लेकिन कोई फर्क नही पड़ा. हर बार अनसुना कर दिया. लगातार प्रताड़ना से गौरव डिप्रेशन में आ गया और फिलहाल उसका इलाज चल रहा था. लेकिन अब वो ही नहीं है.

 

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