देश

पी चिदंबरम ने तीन नए भारतीय न्याय संहिता पर उठाए सवाल, जानें क्या बोले कांग्रेस नेता

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को मंजूरी दिए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि नई भारतीय दंड संहिता और अधिक कठोर हो गई है।

 

नेशनल डेस्क

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को मंजूरी दिए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि नई भारतीय दंड संहिता और अधिक कठोर हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 2024 में जो भी सरकार बने, उसे इन कानूनों की समीक्षा करनी चाहिए और “कठोर” प्रावधानों को हटाना चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद द्वारा पिछले सप्ताह पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को सोमवार को स्वीकृति प्रदान कर दी।

तीन नए कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून औपनिवेशिक काल के तीन कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम,1872 का स्थान लेंगे। पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”क्रिसमस समारोह के खत्म होने के साथ यह खबर आती है कि राष्ट्रपति ने तीन आपराधिक न्याय विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी है।” उन्होंने आरोप लगाया कि नई भारतीय दंड संहिता “अधिक कठोर” हो गई है।

चिदम्बरम ने कहा, “अगर आप यह महसूस करते हैं कि संहिता का इस्तेमाल अक्सर गरीबों, मजदूर वर्ग और लोगों के कमजोर वर्गों के खिलाफ किया जाता है, तो कानून इन वर्गों के लोगों के खिलाफ उत्पीड़न का एक साधन बन जाएगा।” उन्होंने कहा कि अधिकांश कैदी (विचाराधीन कैदियों सहित) गरीब हैं और श्रमिक वर्ग और उत्पीड़ित वर्गों से हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नई दंड प्रक्रिया संहिता में कई प्रावधान हैं, जो असंवैधानिक हैं और संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन करते हैं।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button